बहराइच। डीएम डॉ. दिनेश चन्द्र की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला पोषण समिति की बैठक हुई। जिसमें डीएम ने सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी को माह कम से कम 50 आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। ऐसा नहीं करने वाले अधिकारियों का वेतन बाधित करने और प्रतिकूल प्रविष्टि देने की चेतावनी दी। इसके साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रतिदिन 4 आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण करने और जुलाई में 10 से कम आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण करने वाले सीडीपीओ को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
डीएम डॉ. चन्द्र ने डीपीओ व सीडीपीओ को विज़िट डायरी बनाये जाने के साथ साथ जीओ टैगिंग फोटो सहित टीएफटी तैयार कर आगामी बैठकों में अपने साथ लायें। डीएम ने सचेत करते हुए कहा कि केन्द्र भ्रमण की स्थिति में सुधार लाया जाए। संभव अभियान की समीक्षा में पाया गया कि ब्लाक बलहा में 16 प्रतिशत बच्चों का वज़न लिया गया है। इस स्थिति पर नाराज़गी जताते हुए सम्बन्धित को प्रतिकूल प्रविष्टि देने तथा स्थिति में सुधार न आने पर आरोप पत्र निर्गत कराये जाने का निर्देश दिया गया।
पोषण ट्रैकर पर आधार सीडिंग कार्य की समीक्षा के दौरान मिहींपुरवा, चित्तौरा, शिवपुर, नवाबगंज में 40 प्रतिशत से कम प्रगति पाये जाने पर डीएम ने नाराज़गी जताते हुए सम्बन्धित के विरूद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने का निर्देश देते हुए कहा कि 15 दिवस में स्थिति में सुधार न आने पर अग्रेत्तर कठोर कार्रवाई की जाए। डीएम ने पोषण ट्रैकर पर वज़न फीडिंग व गाय वितरण कार्य में सुधार लाया जाए। पोषण वाटिका में अधिक से अधिक फलदार पौधे आम, कटहल, ऑवला, नीबे के साथ-साथ औषधीय तथा हरी साग सब्ज़ी धनिया, पालक के पौधे लगाये जायें।
डीएम ने डीपीओ व सीडीपीओ को यह भी निर्देश दिया कि सैम व मैम बच्चों के चिन्हांकन की पूरी जानकारी रखें। जिला पोषण पुनर्वास केन्द्र/मुख्यमंत्री सुपोषण घर-पोषण पुनर्वास केन्द्र में आरक्षित बेड के सापेक्ष अधिक से अधिक बच्चों को भर्ती कराया जाय तथा भर्ती/उपचारित सभी बच्चों का शत प्रतिशत फालोअप भी करायें।
डीएम डॉ. चन्द्र ने निर्देश दिया कि पुष्टाहार के उठान तथा वितरण कार्य का शत-प्रतिशत तथा सही ढंग से सत्यापन कराया जाए। डीएम ने कहा कि पुष्टाहार के उठान तथा वितरण का सत्यापन उप जिलाधिकारी तथा तहसीलदार से कराया जाय। इससे निम्न स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया सत्यापन मान्य नहीं होगा। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि एसडीएम, बीडीओ व सीडीपीओ की तीन सदस्यीय समिति बनाई जाये जो इस बात का सत्यापन करेंगे कि ब्लाक व केन्द्रों पर कितना पुष्टाहार आया और कितना वितरण हुआ।
डीएम ने स्पष्ट किया कि पुष्टाहार वितरण में किसी प्रकार की हीला-हवाली, कोताही व अनियमितता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। डीएम ने गोद लिये गये गॉवों के नोडल अधिकारियों तथा बाल विकास परियोजना अधिकारियों को सचेत किया कि गॉवों के भ्रमण के दौरान पुष्टाहार वितरण के बारे में अनिवार्य रूप से फीड बैक प्राप्त करें तथा यह सुनिश्चित करायें की शासन की मंशानुसार सभी लक्षित वर्ग को पुष्टाहार का वितरण हो।