बहराइच। डीएम डॉ. दिनेश चंद्र के निर्विवादित वरासत अंकन का मॉडल अब यूपी में लागू होगा। बेहद कम समय में 30 हजार वरासतों के निस्तारण पर मुख्य सचिव ने डीएम की पीठ थपथपाई है। मंडलायुक्त की मौजूदगी में दिए गए प्रजेंटेशन के बाद प्रदेश के अन्य जिलाधिकारियों को इस कम समय सीमा में वरासत दर्ज करने के माडल को लागू करने का निर्देश मुख्य सचिव ने जारी किया है।
बहराइच जिले में पांच जुलाई 2021 से 27 जुलाई 2022 तक 13 माह 22 दिवस की अवधि में संचालित निर्विवादित वरासत दर्ज करने के अभियान के दौरान 35394 आवेदन-पत्र आनलाइन प्राप्त हुए। इसमें 31513 आवेदन पत्रों को अविवादित पाते हुए मृतकों के उत्तराधिकारियों का नाम खतौनी में दर्ज करा दिया गया।
मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिग में डीएम डा. दिनेश चंद्र ने निर्विवाद वरासत का विशेष अभियान विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। मुख्य सचिव ने केवल डीएम के इस महत्वपूर्ण कार्य की महत्ता को स्वीकार किया, बल्कि प्रदेश के अन्य को डीएम बहराइच से प्रेरणा लेते हुए वरासत अभियान को अपने जिलों में लागू करने के निर्देश दिए।
डीएम ने बताया कि आनलाइन आवेदन मिलते ही तत्काल उसकी जांच लेखपाल से कराई जाती है। 24 घंटे में रिपोर्ट तलब कर वरासत को अभिलेखों में दर्ज किया जाता है। कुछ मामलों में एक सप्ताह तक का समय भी लग जाता है। वहीं कई मामले कुछ घंटे में ही निस्तारण कर खतौनी वारिस को दे दी जा रही है।
जिले में वर्ष 2021-2022 में किसान सम्मान-निधि में 3.75 लाख किसान दर्ज थे। वर्तमान समय में बढ़ कर 5.30 लाख हो गए। जिससे किसानों को 93 करोड़ की सम्मान निधि प्राप्त होगी। कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में 330 पात्र लोगों की समय पर वरासत दर्ज कराकर कुल 13.24 करोड़ रुपये का भुगतान बैंक खातो में किया जा चुका है। 58690 नवीन किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिलाया गया।