लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपनी ही 84 वर्षीया मालकिन को नोचकर मार डालने वाले पिटबुल कुत्ते आज गुरुवार को सरकारी पिंजरे से आजाद कर दिया गया है। पिटबुल के उसके मालिक अमित त्रिपाठी को सौंप दिया गया है हालांकि पिटबुल अमित के साथ नहीं रहेगा।
कैसरबाग बंगाली टोना निवासी अमित त्रिपाठी मंगलवार को पिटबुल के मालिक अमित ने नगर निगम से सम्पर्क साधा। वह नगर आयुक्त से मिलने उनके कार्यालय पहुंचा। उसने नगर आयुक्त से कुत्ता वापस दिलाने की मांग की। जिसके बाद नगर आयुक्त ने उसे संयुक्त निदेशक पशु कल्याण डॉ. अरविन्द राव के पास भेज दिया। अरविन्द राव से उसकी काफी देर बात हुई क्योंकि अमित को कुत्ता देने पर मोहल्ले के लोग आपत्ति कर रहे हैं। इसके चलते डॉ. अरविन्द राव ने उसे कुत्ता देने से मनाकर दिया। उन्होंने उसकी संस्तुति पर उसके किसी रिश्तेदार या अन्य परिचित को कुत्ता देने की बात कही हालांकि वह इस पर तैयार हो गया।
डॉ. अरविन्द राव को बताया कि जब से पिटबुल उसके पास से गया है वह बेचैन रहता है। क्योंकि वह उसे काफी प्रिय था। इसीलिए उसने बार बार डॉ. अरविन्द व अभिनव से उसे देने का अनुरोध कर रहा था। उसने अधिकारियों को बताया कि पिटवुल खतरनाक नहीं है। वह बहुत प्रेम से रहता था। उसने पहले किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था। एक हादसा था जो हो गया। वहीं नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि 14 दिनों की निगरानी के दौरान पिटबुल का व्यवहार सामान्य रहा है।
वहीं आज गुरुवार को अमित शपथ पत्र लेकर पहुँचा। नगर निगम ने सारी विधिक प्रक्रिया पूरी करने और डॉक्युमेंटेशन के बाद पिटबुल ब्राउनी को अमित को सौंप दिया। अमित ने अपने इस प्यारे पेट डॉग को एक नजदीकी संबंधी के हवाले कर देगा हालांकि अमित ने उस संबंधी की पहचान को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है।
गौरतलब है कि अमित के पालतू पिटबुल कुत्ते ने 12 जुलाई को काटकर उनकी मां को मार डाला था। इसके बाद 14 जुलाई को नगर निगम की टीम पिटवुल को पकड़कर एनीमल बर्थ कन्ट्रोल सेन्टर इन्दिरानगर ले आई थी। तब से पिटबुल नगर निगम के अस्तपाल में था।