मिहींपुरवा। दुष्यन्त कुमार की एक कहावत है, “ कौन कहता है कि आसमां में सुराख़ नही हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों”। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है एक छोटे से कस्बे की उस लड़की ने जिसने अपने उद्देश्य को पाने के लिए जी तोड़ मेहनत की और आख़िरकार (NET) UGC की परीक्षा में 42 वीं रैंक लाकर अपने मां-बाप का सिर फक्र से ऊँचा कर दिया। जिस लड़की का जिक्र इस खबर में बार-बार किया जा रहा है वो एक साइकिल की दुकान चलाने वाले की बेटी है जिसका नाम है प्रियंका कुशवाहा।
मिहीपुरवा कस्बे की जरही रोड निवासी प्रियंका कुशवाहा ने JRF- LECTURERSHIP की प्रवेश परीक्षा में आल इण्डिया 36 वीं रैंक व JRF की प्रवेश परीक्षा में आल इण्डिया 42 वीं रैंक हासिल कर कस्बे का गौरव बढ़ाया है। इसके अलावा प्रियंका कुशवाहा ने GATE 2018 की परीक्षा में इस वर्ष आल इण्डिया 836 वीं रैंक हासिल की है।
अपनी कामयाबी के पीछे की कहानी साझा करते हुए प्रियंका ने बताया कि इन्होने 9 वीं से 12 वीं तक की शिक्षा मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री विषय के साथ मिहीपुरवा कस्बे में स्थित सर्वोदय इन्टर कॉलेज से उत्तीर्ण की है। दसवीं में 73% और 12 वीं में भी टॉप पर रहीं। बारहवीं के बाद कानपुर यूनिवर्सिटी से बीएससी (केमिस्ट्री और मैथ्स) वर्ष 2015 मे उत्तीर्ण किया व एमएससी (केमिस्ट्री) वर्ष 2017 में पूरा हुआ।
एमएससी के बाद प्रियंका ने कम्पटीशन एग्जाम की तैयारी शुरू की। इन्ही सब संघर्षों को चुटकियों में पार करते हुए 2017 मे एमएससी के साथ ही इन्होने JRF- LECTURERSHIP व JRF (NET) UGC की प्रवेश परीक्षा दी जिसमे इन्हें 42 वीं रैक हासिल हुई है। प्रियंका अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने पिता और गुरुजनों को देती हैं। प्रियंका ने बताया कि इनका मकसद शुरु से ही रिसर्च करने का था। इसलिए आगे पीएचडी करना चाहती हैं, अगर इन्हें गवर्नमेंट से रिसर्च फेलोशिप मिली तो इसके लिए विदेश जाना पसंद करेंगी। प्रियंका की इस कामयाबी ने उन लड़कियों को भी संदेश दिया है जो लाइफ में कुछ न करने का ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ती हैं।