अमरोहा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले की हसनपुर तहसील स्थित रेहरा इलाके में सरकारी जमीन पर बने एक मदरसे को वहां बिना इजाजत नमाज पढ़े जाने की शिकायत पर बुलडोजर से गिरा दिया गया। अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि वह इस मामले की तह तक जाएंगे और अदालत से न्याय दिलाएंगे।
हसनपुर तहसील के उपजिलाधिकारी सुधीर कुमार ने रविवार को कहा कि रेहरा थाना क्षेत्र के जेबरा गांव में ग्राम समाज की जमीन पर एक अवैध ढांचा बनाया गया था। एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा वहां नमाज अदा किये जाने की शिकायत पर उस ढांचे को ढहा दिया गया है।” उन्होंने दावा किया कि शिकायत पर हुई जांच में यह पता लगा कि वह मदरसा कानूनी प्रक्रिया पूरे किये बगैर बनवाया गया था। लिहाजा शनिवार को पुलिस दल की मौजूदगी में मदरसे को ढहा दिया गया। मदरसा प्रबंधन के लोगों को पूर्व में वह इमारत खाली करने की नोटिस दी गयी थी।
7 महीने पहले बनाया गया था मदरसा
इमारत करीब सात महीने पहले बनाई गयी थी और कुछ माह पहले ही उसे मदरसे का रूप से दिया गया और पिछले महीने से लोगों ने वहां नमाज पढ़नी शुरू कर दी थी। हाल ही वहां अजान देने के लिए एक लाउडस्पीकर भी लगाया गया था। इस बीच, मदरसे के मुतवल्ली इश्तियाक अहमद ने दावा किया कि जिस जमीन पर मदरसा बनाया गया वह ग्राम समाज की नहीं थी बल्कि वर्ष 1961 में उनके दादा को आवंटित की गई थी। मदरसा शांतिपूर्वक संचालित किया जा रहा था लेकिन जब वहां नमाज पढ़ना शुरू हुआ, तब स्थानीय ग्रामीणों ने शिकायत कर दी और प्रशासन ने भी मौका पाकर मदरसे पर बुलडोजर चलवा दिया। उन्होंने कहा कि वह प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
इस बीच, मुरादाबाद के मण्डलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे। उन्होंने अदालत के एक आदेश का संदर्भ देते हुए कहा कि अगर किसी धार्मिक इमारत का निर्माण सक्षम प्राधिकारी की इजाजत के बगैर किया जाता है तो उसे ध्वस्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उधर, अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि वह इस मामले की तह तक जाएंगे और अदालत के जरिए न्याय दिलाएंगे।