लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के रास्ते अलग हो सकते हैं। अब ओम प्रकाश राजभर को कथित तौर पर उपहार में दी गई एक कार को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच गुरुवार को यह मुद्दा सामने आया।
सुभासपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता पीयूष मिश्रा ने कहा कि हमारे प्रमुख (ओम प्रकाश राजभर) इनोवा को पसंद करते हैं न कि फॉर्च्यूनर को। वह अपनी इनोवा कार में घूमते हैं। ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने फॉर्च्यूनर वाले आरोप को बेबुनियाद बताकर सिरे से खारिज किया है। अरुण ने गुरुवार को कहा, ‘मीडिया में खबर चलाई जा रही है कि सपा ने सुभासपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को चलने के लिए फॉर्च्यूनर कार दी हुई है,जबकि सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने इनोवा कार से चलते है, सपा के द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद है।’
ओपी राजभर इन दिनों अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं। राजभर ने कुछ दिन पहले कहा भी था कि जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस हुई थी, उस समय उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था। ओमप्रकाश राजभर ने हाल ही में अखिलेश यादव पर निशाना साधा था। उन्होंने सपा अध्यक्ष को एयर कंडीशनर की हवा छोड़कर घर से बाहर निकलने और कार्यकर्ताओं से मिलकर अपने संगठन को मजबूत करने की सलाह दी थी। वहीं जवाब में स्पा ने कहा है कि राजभर खुद पार्टी की दी हुई एसी कार में चलते हैं और दूसरों को नसीहत देते हैं।
अखिलेश ने केशव देव मौर्य को गिफ्ट की गई फॉर्च्यूनर वापस मंगा ली
ओम प्रकाश राजभर और सपा के को-प्रोडक्शन वाली इस फॉर्च्यूनर कथा के ताजा एपिसोड से कुछ हफ्ते पहले ही यूपी में एक और फॉर्च्यूनर का सियासी किस्सा बहुत चर्चित रहा था। खास बात ये है कि दोनों ही किस्सों में समाजवादी पार्टी का कॉमन किरदार था। सपा के सहयोगी महान दल के प्रमुख केशव देव मौर्य ने जैसे ही पार्टी से गठबंधन के खात्मे का ऐलान किया, अखिलेश यादव ने उन्हें चुनाव के दौरान गिफ्ट की गई फॉर्च्यूनर को वापस मांग लिया। मौर्य को उम्मीद थी कि विधानसभा चुनाव में भले ही कामयाबी नहीं मिली लेकिन अखिलेश उन्हें एमएलसी बनाकर मेहनत का शुक्राना पेश करेंगे। लेकिन अखिलेश ने स्वामी प्रसाद मौर्य को विधान परिषद भेज दिया। ये बात केशव देव मौर्य को नागवार गुजरी और उन्होंने सपा से राजनीतिक तलाक का ऐलान कर दिया। फिर क्या था, अखिलेश ने भी गिफ्ट वाला फॉर्च्यूनर वापस ले लिया।
गौरतलब है कि सपा ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए रालोद, एसबीएसपी, महान दल, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया, अपना दल (कामेरावाड़ी) और जनवादी पार्टी (समाजवादी) के साथ गठबंधन किया था। महान दल और जनवादी पार्टी (समाजवादी) औपचारिक रूप से सपा से अलग हो गए हैं। वहीं पीएसपी-एल प्रमुख शिवपाल यादव ने घोषणा की है कि वह सपा की पसंद यशवंत सिन्हा के बजाय भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट देंगे। सुभासपा ने भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान कर दिया है।