देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक बच्चे ने अपने दादा-दादी को सबको सिखाने के लिए ऐसी खौफनाक घटना को अंजाम दिया जिसे जानकर हर कोई हैरान है। आरोप है कि उन्हें फसाने के लिए पोते ने ट्यूशन पढ़ने आए बच्चे का मुंह फेविक्विक से चिपकाकर हाथ-पैर बांधकर उसकी हत्या कर दी। ऐसा इसलिए ताकि दादा-दादी को पुलिस पकड़कर ले जाए और वो आराम से जिंदगी भर पबजी खेल सके।
लार थाना क्षेत्र के हरखौली निवासी गोरख यादव का पुत्र संस्कार गांव में ही निजी ट्यूशन शिक्षक नरसिंह शर्मा (60) के घर पढ़ने जाया करता था। परिजनों के अनुसार, वह बुधवार दोपहर बाद करीब एक बजे ट्यूशन के लिए घर से निकला था। लौटने में देर होने पर उसके पिता ट्यूशन शिक्षक के घर पहुंचे तो पता चला कि वह ट्यूशन आया ही नहीं। इस पर परिजन उसे गांव में तलाशने लगे। इसी दौरान एक खेत में एक पत्र मिला, जिसमें पांच लाख रुपये की फिरौती मांग की गई थी। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी।
रात में ही एसपी संकल्प शर्मा मौके पर पहुंच गए। पुलिस छात्र की तलाश में जुट गई। संदेह होने पर पुलिस ने ट्यूशन शिक्षक के पौत्र अरुण शर्मा (18) को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सच्चाई सामने आ गई। उसने गला दबाकर हत्या की बात कुबूल कर ली। बताया कि उसने संस्कार का शव शौचालय में छिपा रखा है। पुलिस ने संस्कार का शव बरामद कर लिया है।
पूछताछ में अरुण ने बताया कि बुधवार को ट्यूशन आ रहा संस्कार उसे रास्ते में ही मिल गया था। वह उसके साथ हो लिया। घर के पास पहुंचने पर उसने धोखे से संस्कार के मुंह में गोंद डाल दिया, जिससे वह शोर न मचा सके। इसके बाद उसे शौचालय में ले गया और गला दबाकर मार डाला तथा शव को शौचालय में छिपा दिया। पुलिस को बताया कि उसके दादा-दादी उसे पबजी खेलने और रुपये मांगने पर हमेशा डांटते रहते थे। इससे खफा होकर उसने दोनों को जेल भेजवाने के मकसद से संस्कार की हत्या की योजना बनाई।
ग्रामीणों के अनुसार अरुण पबजी खेलने का आदी है और सारा दिन पबजी खेलता रहता था और कोई काम नहीं करता था। उसके दादा उसकी इस आदत से बहुत परेशान थे और उसे ऐसा ना करने को कहते थे। घर में डांट पड़ने पर वह एक बाद आत्महत्या करने के लिए रेल लाइन पर पहुंच गया था, लेकिन लोग उसे समझा-बुझाकर वापस ले आए थे। अरुण की करतूत से उसके माता-पिता भी सदमे में हैं। घटना के बाद से गांव में तनाव को देखते हुए पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए हैं।