बहराइच। मानसून के बाद आने वाली बाढ़ से बचाव के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसे लेकर जिला प्रशासन ने तहसील महसी के ग्राम सिलौटा में घाघरा नदी के रामघाट पर गुरुवार को मॉकड्रिल किया। प्रशासन के तमाम अधिकारियों ने बाढ़ के दौरान बचाव तकनीक की बारीकी से समीक्षा की।
मॉक ड्रिल की पटकथा के अनुसार घटना स्थल ग्राम सिलौटा में घाघरा नदी में बाढ़ आ जाने से क्षेत्र में पैदा हुई बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों के मॉकड्रिल के दौरान 2 व्यक्तियों के नदी में डूबते हुए दिखने पर 42वी वाहिनी एस.एस.बी. के रेस्क्यू रिसपांस टीम (आर.आर.टीम) सहायक कमाण्डेण्ट सौरभ रंजन के नेतृत्व में टीम लीडर लखपत सिंह तथा फ्लड पी.ए.सी. के हेड कांस्टेबल शमशाद अहमद तथा आपदा मित्रों द्वारा बचाने का पूर्वाभ्यास किया गया।
रामघाट पर 2 व्यक्तियों के बाढ़ के पानी में डूबने का दृश्य देखते ही नाव, मेगाफोन, लाइफ जैकेट, लाइफब्वाय, स्ट्रेचर, सेफ्टी हेलमेट, बाड़ी प्रोटेक्टर इत्यादि जीवन रक्षक उपकरणों के साथ मौजूद एसएसबी की रिलीफ रेस्क्यू टीम तथा फ्लड पीएसी के जवानों ने आपदा मित्रों के साथ मोटर बोट से नदी में जाकर बाढ़ के पानी से संघर्ष कर रहे दोनों व्यक्तियों को मोटर बोट पर सवार किया और पूरी तत्परता के साथ उन्हें किनारे पर लेकर आये।
पीड़ित व्यक्तियों को सुरक्षित किनारे पर लाकर सर्वप्रथम उन्हें प्राथमिक ट्रीटमेन्ट देते हुए स्ट्रेचर पर रखकर घटना स्थल पर मौजूद एम्बुलेंस तक ले गये। सभी जीवनरक्षक उपकरणों से सुसज्जित एम्बुलेन्स पर मौजूद चिकित्सकों ने तत्काल पीड़ित व्यक्तियों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर ज़रूरी चिकित्सा देते हुए घायल व्यक्तियों को चिकित्सालय की ओर रवाना कर दिया।
इन्सीडेन्ट कमाण्डर व प्लानिंग सेक्शन ऑफिसर/अपर जिलाधिकारी मनोज ने बताया कि मॉकड्रिल का उद्देश्य यह है कि हम वास्तविक आपदा आने से पूर्व ही उन्हीं परिस्थितियों का सामना करते हुए राहत व बचाव कार्यों को सम्पन्न कराकर अपनी तैयारियों को परख रहे हैं ताकि वास्तविक स्थिति उत्पन्न होने पर सभी सम्बन्धित विभाग बेहतर ढंग से कार्य कर सकें।
मॉकड्रिल के दौरान एसएसबी व पीएसी. के जवानों ने पब्लिक एैड्रेस सिस्टम से लोगों को बाढ़ के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों तथा घरेलू उपयोग की वस्तुओं से बचाव उपकरण तैयार किये जाने के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान की गयी।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एमके सचान, डीपीआरओ उमाकान्त पाण्डेय, परियोजना निदेशक डीआरडीए पीएन यादव, सहायक अभियन्ता ड्रेनेज खण्ड बीबी पाल, तहसीलदार विपुल कुमार, थानाध्यक्ष बौण्डी गणनाथ प्रसाद व हरदी के अनूप मणि त्रिपाठी, जिला आपदा विशेषज्ञ सुनील कन्नौजिया सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी तथा बड़ी संख्या में ग्रामवासी मौजूद रहे।