लखनऊ। भारतीय सेना में अग्निपथ योजना के तहत काम कर चुके युवाओं को उत्तर प्रदेश सरकार नौकरियों में प्राथमिकता देगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यह घोषणा की। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स में प्राथमिकता देने का फैसला लिया।
सीएम आदित्यनाथ ने ट्वीट किया,’ माँ भारती की सेवा के बाद अग्निवीरों को उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश पुलिस एवं संबंधित अन्य सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान करेगी। युवाओं के सुरक्षित भविष्य के लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार सतत समर्पित एवं पूर्णतः प्रतिबद्ध है। जय हिंद!’
इससे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री ने कहा था कि देश की युवा शक्ति को ‘अग्निवीर’ के रूप में माँ भारती की सेवा का अवसर प्रदान करने जा रही ‘अग्निपथ योजना’ भारतीय सैन्य इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय का सृजन करेगी। सशस्त्र बलों के सामर्थ्य में अभिवर्धन के लिए लिया गया यह फैसला अभिनंदनीय है।’
अग्निपथ योजना
राष्ट्र के सामने आने वाली भावी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में मंगलवार को आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना का मंगलवार को ऐलान किया था। इसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की छोटी अवधि के लिए होगी। यह भर्ती कॉन्ट्रैक्चुअल आधार पर होगी। योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए उम्र की सीमा 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच रखी गई है।
10वीं और 12वीं पास युवा आवेदन कर सकेंगे। अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा। इन अग्निवीरों की सेवा चार साल बाद खत्म हो जाएगी। अगर सेना में वैकेंसी होगी तो इनमें से कुछ युवाओं को योग्यता के आधार पर रिटेन किया जाएगा।
अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसके परिजनों को सेवा निधि के तहत एक करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी। इसके साथ ही बाकी बची नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा। वहीं, अगर कोई अग्निवीर विकलांग हो जाता है, तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी। इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन मिलेगा।