कानपुर। यूपी के कानपुर में 3 जून को हुई हिंसा की वारदात के बाद पुलिस ने 40 संदिग्ध व्यक्तियों की तस्वीर जारी की है। पुलिस ने बताया कि इन व्यक्तियों के बारे में सूचना देने वालों की पहचान को गुप्त रखा जाएगा।
कानपुर में भाजपा नेता नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में जोहर फैंस एसोसिएशन और अन्य मुस्लिम संगठनों द्वारा आज बाजार बंद रखने का आह्वान किया गया। शुक्रवार दोपहर नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लड़कों ने हिंदू समुदाय के लोगों दुकानें बंद करवाने की कोशिश की तो उन्होंने दुकान बंद करने से मना कर दिया जिसके बाद माहौल बिगड़ गया। भीड़ में शामिल अराजक तत्वों ने पथराव कर दिया और तमंचों से फायर भी किए। हिंसा क्षेत्र से कुछ ही दूर कानपुर देहात के गांव परौंख में जब राष्ट्रपति कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश के सीएम योगी एक मंच पर मौजूद थे।
बाजार बंद कराने को लेकर दोनों पक्ष आमने- सामने आ गए और पत्थरबाजी शुरू हो गयी। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया। इसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। लोग तंग गलियों में घुसकर पत्थरबाजी करने लगे। कानपुर उपद्रव पर सीएम योगी ने कहा कि उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई होगी। कोई बख्शा नहीं जाएगा।
वहीं अब कानपुर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 3 जून को हुए बवाल और हिंसा में शामिल 40 संदिग्धों का पोस्टर जारी किया है। साथ ही लोगों से संदिग्धों की तलाश में मदद करने की अपील की। पोस्टर में फोन नं. 9454403715 अंकित किया गया है। साथ ही लिखा है कि संदिग्धों के बारे में सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
पुलिस की अब तक की जांच में हयात जफर हाशमी के संगठन के अलावा पीएफआई का नाम सामने आया है। साक्ष्य भी पुलिस ने जुटाए हैं। इस बीच पुलिस की तफ्तीश में खुलासा हुआ कि आईएस-273 गैंग के अफजाल की बड़ी भूमिका रही है। इसके अलावा सबलू, बाबर, इजरायल आटा, फरहान कालिया, फैज, सुफिया कनखड़ा, जैन, मासूम, नसीम उर्फ बंटी, गुड्डू रियासत, दिलशाद, गलरेज, तल्हा अंसारी जैसे अपराधियों के नाम सामने आए हैं। आईस-273 वही गैंग है जो पहले डी-टू गैंग था। 2010 में डी-टू गैंग खत्म कर नया गैंग बनाया था।
इस मामले में कानपुर पुलिस ने ट्विटर और फेसबुक पोस्ट से सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के आरोप में 15 हैंडल्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। बवाल और हिंसा में आईएस-273 गैंग समेत शहर के कई बड़े अपराधी शामिल थे। पुलिस ने गैंग के सक्रिय बदमाश अफजाल समेत करीब एक दर्जन को आरोपी बनाया है। इन सभी की धरपकड़ शुरू हो गई है। एक-दो को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया है। ये लोग बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने वाले थे। गनीमत रही कि पुलिस बल ने समय रहते बवाल पर काबू पा लिया।
ड्रोन से नजर रख रही है पुलिस
कानपुर हिंसा के बाद पुलिस ड्रोन की मदद से सभी गतिविधियों पर नजर रख रही है। ड्रोन को उड़ाकर ऊंची इमारतों में चल रही गतिविधियों का जायजा लिया गया। कुछ-कुछ देर पर करीब एक घंटे तक लगातार ड्रोन उड़ाकर चमनगंज पर नजर रखी जा रही है। सोमवार को सुबह से ही पुलिस ने गश्त तेज कर दी है। भारी फोर्स की मौजूदगी और रूट मार्च से उपद्रव ग्रस्त क्षेत्रों के लोग घरों में दुबके रहे। बहुत ही कम लोगों का घर से निकलना हुआ। रविवार को अधिकतर स्थानों पर सन्नाटा ही नजर आया। यतीमखाना सबसे संवेदनशील होने के चलते यहां आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) तैनात की गई है।