बहराइच। मंगलवार से लगातार हो रही भारी बारिश व नदियों के लगातार बढ़ते जलस्तर ने तराई क्षेत्र में बाढ़ के संकेत दे दिए हैं। बढ़ते जलस्तर ने मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र के कई गांवो में बाढ़ का खतरा उत्पन्न कर दिया है। खबर मिली है कि तहसील क्षेत्र के सर्राकला, बखारी, कसौजी, पड़रिया, पुरैना, चंदनपुर, बढ़ैय्या सहित लगभग एक दर्जन गांवो की सैकड़ों एकड़ खेती योग्य जमीन बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गई है।
बाढ़ के कारण तहसील क्षेत्र के कई गांव में धान, मेंथा, गन्ना आदि फसलें बाढ़ के पानी के कारण प्रभावित हुई हैं। वहीं मोतीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत भारत नेपाल सीमा के समीपवर्ती क्षेत्र ग्राम सर्राकला के नारायण खलिया में पहाड़ी नालों के कारण भरे बाढ़ के पानी से सड़कें जलमग्न हो गई हैं। जिसके कारण बलईगांव, बस्थनवा, पौण्डा, मंजगवा, कंजीबाग, भरिया, बखारी, फुलवरिया, सर्राकला के ग्रामीणों के आवागमन में भी समस्या उत्पन्न हो रही है। राहगीरों को सड़कों पर भरे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।
संभावित बाढ़ के खतरे व नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मिहींपुरवा तहसील प्रशासन भी हाई अलर्ट मोड में आ गया है। शनिवार को उपजिलाधिकारी बाबूराम ने तहसील क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लेखपालों को हालात पर नजर रखने के निर्देश दिये। वहीं दल बल के साथ तहसील क्षेत्र अंतर्गत स्थित घाघरा नदी के जालिमनगर पुल व ग्राम गोपिया स्थित चौधरी चरण सिंह सरयू बैराज पहुंचकर नदियों के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया।
उपजिलाधिकारी ने गोपिया बैराज पहुंचकर सिंचाई विभाग के अवर अभियंता व एक्सईएन को नदियों के बढ़ रहे जलस्तर के संबंध में तहसील प्रशासन को लगातार अपडेट देते रहने के निर्देश दिये। उपजिलाधिकारी ने बताया कि संबंधित लेखपालों को गांव में जन जागरूकता कार्यक्रम चलाकर बाढ़ की विभीषिका के समय आपदा एवं राहत कार्यो के सम्बन्ध में सभी ग्रामीणो को जागरुक करते रहने के निर्देश दिए गए हैं। नदियां अभी खतरे के निशान से लगभग 1 मीटर नीचे बह रही है। गोपिया बैराज के सभी गेट पहले से ही खुलवा दिए गए हैं। बाढ़ की स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।