बहराइच। गंगा दशहरा के पवित्र पर्व पर महामना मालवीय मिशन (अवध) के तत्वाधान में सरयू नदी के उद्गम परिक्षेत्र (गायघाट) के तट पर प्रतीकात्मक रूप में सरयू महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हए सांसद लोकसभा क्षेत्र अक्षयवर लाल गौंड ने कहा कि सरयू नदी बहराइच के जन-जीवन और आस्था का केंद्र बिंदु है। सरयू नदी को बहराइच वासियों के लिए जीवन रेखा बताते हुए उन्होंने कहा कि सरयू नदी के कायाकल्प की बहुआयामी परियोजना स्थानीय निवासियों के प्रयास से तैयार की जा रही है।
सांसद ने आव्हान किया कि सरयू नदी के तटीय इलाकों में अधिक संख्या में पेंड लगाकर उन्हें संरक्षित भी करें ताकि पर्यावरण व जल संरक्षण की रक्षा व जल मानव जीवन के अनुकूल बन सके। कार्यकम के दौरान महामना मालवीय मिशन (अवध) के अध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव एडवोकेट ने बताया कि मालवीय मिशन किसान परिषद व गायत्री परिवार की ओर से सरयू नदी के दोनों तटों पर पंचवटी प्रजाति के पेडों का रोपण किया जा रहा है और इन्हें संरक्षित रखने के लिए स्थानीय स्तर पर जनसहयोग भी लिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सरयू नदी के गायघाट तट पर घाट के निर्माण व सीढ़ियों के निर्माण व विश्राम स्थल बनाये जाने के लिए प्रशासन व शासन से सामुहिक प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत सदस्य श्रवण मद्धेशिया, महामंत्री किसान परिषद सरदार गुरुनाम सिंह व समाजसेवी मिशन तहसील संयोजक सुरेश वर्मा आदि ने सरयू नदी के महात्म्य व महिमामंडन के लिए जनजागरण अभियान चलाए जाने की बात कही साथ ही समूचे परिक्षेत्र के धार्मिक दृष्टि से विकास के लिए सासंद को मांगपत्र देकर कार्ययोजना तैयार किये जाने के मांग की। महंत शिवालय बाग वीरेंद्र गिरी महाराज ने सरयू नदी को क्षेत्रीय तीर्थ स्थली बताते हुए इसके तटीय इलाकों में बड़े पैमाने पर पंचवटी प्रजाति के वृक्षों के वृक्षारोपण की आवश्यकता बताई और इसमे सहयोग देना का भी वादा किया।
इस दौरान प्रमुख रूप से समाजसेवी अमित, रामु, कृष्णा शर्मा, ओमप्रकाश, प्रेमकुमार वर्मा, सीयाराम वर्मा, कमलेश, सरदार मेजर सिंह समेत दर्जनों ग्रामीण उपस्थित रहे। अंत में उपस्थित लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सरयू नदी के तट पर पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का रोपण किया साथ ही सरयू नदी के संरक्षण व क्षेत्रीय विकास के लिये सामूहिक संकल्प लिया।