बहराइच। भारत नेपाल सीमावर्ती विकासखंड बाबागंज में स्थित देव संस्कृति ग्रामोदय इंटर कालेज रामपुर रुपईडीहा में पर्यावरण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान कर फलदार एवं छायाकार पौधो का रोपण कर उपस्थित छात्रों, अध्यापक, अभिभावक एवं प्रबंधन तंत्र से जुड़े हुए लोगों ने सामुहिक रूप से पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ एमपी सिंह ने कहा कि तराई इलाका हमेशा से हरा-भरा रहा है, यही कारण है कि यहाँ जमीन एवं पर्यावरण जीवन अनुकूल है। इसे स्थायी बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की आवश्यकता है। उन्होंने आवाहन किया कि प्रत्येक छात्र कम से कम पाँच पेंड़ लगाकर उसे संरक्षित करें ताकि तराई इलाके में सुख-समृद्धि बनी रह सके। विद्यालय प्रबंधक संजीव श्रीवास्तव एडवोकेट ने बताया कि जिले के पर्यावरण को मानव जीवन के अनुकूल बनाये रखने के लिए जगह-जगह पर्यावरण संरक्षण गोष्ठी एवं बड़े स्तर पर पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का रोपण किया जा रहा है। उन्होंने अवाहन किया कि जल, जंगल, जमीन व जलवायु को विषाक्त होने से बचाने के लिए खाली पड़ी जमीनों, मठ-मंदिर, देवालय , चिकित्सालयों एवं विद्यालय परिसरों में पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का रोपण अवश्य करें। इस अवसर पर अध्यापक हीरालाल, मौजीलाल मिश्रा, अनूप सिंह, सरदार सुखविंदर सिंह, प्रचार्य संजय श्रीवास्तव, प्रखर श्रीवास्तव समेत सभी छात्र व अभिभावक उपस्थित रहे। समापन अवसर पर विद्यालय की ओर से परिसर में फलदार एवं छायादार वृक्षों का रोपण किया गया और उन्हें संरक्षित करने का संकल्प लिया गया।