बहराइच। सूबे की योगी सरकार भले ही गौ-सुरक्षा के नाम पर दम भर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही है। बता दें कि यूपी के बहराइच जिले में आवारा गायों को आश्रय देने के लिए 54 अस्थायी गौशाला बनाई गई हैं। इन 54 गौशालाओं में करीब 4500 गायें देखभाल के लिए रखी गई हैं। जिला प्रशासन सरकारी दफ्तर में बैठकर इनकी सुरक्षा के लिए रोज नये फरमान जारी करता है लेकिन इसका असर जमीनी स्तर पर एक रत्ती भी नही दिख रहा।
हमारी टीम आज आपको इन्ही 54 गौशालाओं में से एक मिहींपुरवा कस्बे के मोतीपुर थाना क्षेत्र के मजरा तुलसीरामपुरवा स्थित अस्थाई गौशाला की यथास्थिति बताएगी। ग्राम पंचायत मोतीपुर में बने अस्थाई गोवंश स्थल में करीब 200 गायें देखरेख के लिए रखी गई हैं। ये 200 गायें महज एक हैंडपंप के सहारे अपनी आधी प्यास बुझा रही हैं। गौशाला की देखरेख करने वाले चेतराम ने बताया कि गायों को पानी पिलाने के लिए एक छोटा हैंडपंप लगाया गया है जिस वजह से आधी गायें प्यासी रह जाती हैं। हैंडपंप से पानी बेहद कम मात्रा में निकलता है जिसके लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है। चेतराम ने बताया कि पानी के लिए मोटर लगवाने की शिकायत कई बार ग्राम प्रधान से कर चुके हैं लेकिन कोई नतीजा नही निकला। प्रधान हमीद अंसारी का कहना है कि इसके लिए आगे बीडीओ से शिकायत की गई लेकिन उनके आश्वाशन ने भी निराश कर रखा है।
पानी के साथ ही इस गौशाला के केयरटेकर चेतराम के लिए भी रहने के लिए कोई समुचित व्यवस्था नही है। इसके अलावा भी गौशाला की कई समस्याएं ठंडे बस्ते में डाल दी गई हैं। बता दें कि गौशाला सुनसान इलाके में होने की वजह से तेंदुए व जंगली जानवरों का खतरा भी बना रहता है। आये दिन तेंदुए के हमले में गायों के मरने की खबर भी प्रशासन की नींद नही तोड़ पा रही। इस पूरे प्रकरण में जब बीडीओ चंद्रशेखर से बात की गई तो वो बड़ी आसानी से मोटर लगवाने के बात चंद सेकंड में कहकर बचते नजर आए। प्रशासन द्वारा व्यवस्था के नाम पर इस कदर लीपापोती सूबे में गायों की हालत बद से बदतर करती जा रही है।