नई दिल्ली। पुलवामा आतंकी हमले को लेकर भारत की एयर सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इस कार्यवाही के बाद पाकिस्तान में बैठकों और अवाम को सफाई देने का दौर चल पड़ा है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा आगाह किए जाने के बावजूद भारत ने जो आक्रामकता दिखाई पाकिस्तान उसका चौंकाने वाला और अलग तरीके से जवाब देगा। गफूर ने कहा कि भारत का मकसद हमारे सैन्य मोर्चे पर हमला करने के बजाय रिहायशी इलाकों पर हमला करना था ताकि वह बता सके कि उसकी कार्रवाई दहशतगर्दों के खिलाफ थी।
मिली खबरों के मुताबिक पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि 14 फरवरी के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव के बाद से जंग की तैयारी के लिए एयरफोर्स तैयार थी। चूंकि जंग की स्थिति नहीं थी इसलिए एयफोर्स के विमान हमेशा हवा में नहीं रह सकते। इस सवाल के जवाब में कि अगर पाकिस्तान वायुसेना को भारत के हमले का पता चल गया तो भारतीय विमान गिरा क्यों नहीं दिए गए? इसके जवाब में आसिफ गफूर ने कहा कि सबसे पहले तो भारत की तरफ से कोई हमला नहीं हुआ। हमला तब समझा जाता जब वे हमारे सैन्य मोर्च पर हमला करते और हम इसके लिए तैयार थे।
आसिफ गफूर ने कहा कि पाकिस्तानी राडार ने भारत के विमानों की मूवमेंट का पता समय रहते लगा लिया था। सबसे बड़ी फॉर्मेशन केरन घाटी की ओर से पाकिस्तान की तरफ बढ़ी। जब पाकिस्तान की वायुसेना को इसका पता लगा तब तक वे नियंत्रण रेखा पार करते हुए बालाकोट की तरफ बढ़ चुके थे। गफूर ने दावा किया पाकिस्तान एयरफोर्स के विमान ने उन्हें चुनौती दी, इस दौरान वे 4 मिनट पाकिस्तान के अंदर रहे और जाते-जाते अपने पेलोड पहाड़ी के ऊपर गिरा दिए।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमले की सूरत में पाकिस्तान जवाब देने का सोचेगा नहीं, जवाब देगा। हम फिर दोहराते हैं कि हम चौंकाएंगे और हमारा जवाब अलग तरीके का होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल कमांड अथॉरिटी की बैठक बुलाई है और सब जानते हैं कि यह क्या है। गफूर ने एक बार फिर गीदड़भभकी के लहजे में कहा कि अब भारत इंतजार करे, हमने तय कर लिया है कि हम जवाब देंगे।
बताते चलें कि मंगलवार तड़के सुबह भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 विमान ने पाकिस्तान की सीमा में 70 किलोमीटर भीतर घुसकर आतंकी कैंप को निशाना बनाया। पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर यह प्रहार गोपनीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर किया गया। यह एक गैर-सैन्य हमला था जिसमें यह ध्यान रखा गया कि कोई जन हानि न हो। इस ऑपरेशन में भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला कर बहुत बड़ी संख्या में जैश के आतंकी, कमांडर, प्रशिक्षक और आतंकी हमलों के प्रशिक्षण के लिए आए हुए जिहादियों का सफाया कर दिया।