बहराइच। भारत नेपाल सीमा पर कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के घने जंगलों के बीच स्थापित बसे विकासखंड मिहींपुरवा के ग्राम आंबा के मजरा भरथापुर के पुर्नविस्थापन की मुहिम तेज कर दी गयी है। इसी क्रम में मंगलवार सुबह उप जिलाअधिकारी कीर्ति प्रकाश भारती, वनजीव प्रतिपालक यशवंत सहित राजस्व वन विभाग की संयुक्त टीम प्राइवेट बोट से भरथापुर गांव की असलियत जानने पहुंचे। यहां ग्रामीणों ने एसडीएम का स्वागत किया व अपने गांव के पुर्नविस्थापन हेतु उनका आभार व्यक्त किया।
उपजिलाधिकारी ने ग्रामीणों के बीच चौपाल लगाकर उनकी समस्याऐं सुनी. ग्रामीणों ने बताया कि आज भी हमारे बच्चे शिक्षा से वंचित हैं । गांव में मात्र एक प्राथमिक विद्यालय है। जहां कक्षा 5 के बाद हम अपने बच्चों को शिक्षा नही दे सकते। रोजगार के लिये भी गांव में कोई साधन नहीं है। ग्रामीणो से वार्ता के बाद एसडीएम की ओर से दिये गये गांव के पुर्नविस्थापन हेतु सहमति प्रस्ताव पर ग्रामीणों ने हस्ताक्षर किये और जल्द ही भरथापुर को पुर्नविस्थापित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा।
उपजिलाधिकारी ने बताया कि भरथापुर गांव में जब सुबह के समय आने में इतनी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। तो देर रात या आपात स्थिति में तत्काल यहां पहुंच पाना सम्भव नही है। वहीँ, उपजिलाधिकारी व एसडीओ यशवंत सिंह जब भरथापुर गांव ग्रामीणो से बैठक करने जा रहे थे तभी एसडीएम की गाड़ी से कुछ ही दूरी पर हाथियों का झुंड खड़ा दिखा. जंगली हाथियों कर देख राजस्व विभाग वन विभाग के अधिकारी घबरा गये किंतु कुछ देर बाद हाथियो का झुंड बिना नुकसान पहुंचाये वापस चला गया।