बहराइच। विकास खंड मिहींपुरवा के मोतीपुर तहसील से सटे कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र में बसे वनग्राम नई बस्ती चहलवा में एक व्यक्ति की ठंड लगने से मौत हो गई। इस मौत के बाद पूरे गांव में आक्रोश का माहौल है क्यूंकि जो व्यक्ति मरा है उनकी पत्नी गांव में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए भूतपुर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से सम्मान पा चुकी हैं। फिलहाल मृतक के शव को बगैर पोस्टमार्टम कराए सुपुर्द ‘ए’ ख़ाक कर दिया गया है। वहीं ठंड के आखिरी पड़ाव में भी मोतीपुर एसडीएम केपी भारती द्वारा इससे बचने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किये गये हैं।
वनग्राम नई बस्ती चहलवा की रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता भानुमति अपने गांव के विकास के लिए कई सालों से लड़ाई लड़ रही हैं। भानुमति क्षेत्र में लोगों को जागरुक कर रही हैं, मतदान के लिए प्रेरित कर रही हैं। मोदी के स्वच्छता अभियान के लिए भी काफी काम कर रही हैं। इनका घर झोपड़ी में बना हुआ है। चार बच्चे भी हैं लेकिन सब बेरोजगार हैं। पति मजदूरी करता था, उसी से जीवन नईया चलती थी।
शुक्रवार सुबह भानुमति के पति शिवबचन (62 वर्ष) ठंड लगने की वजह से मर गये। शिवबचन के मौत की खबर जैसे ही गांव में फैली, इलाके के साथ तहसील प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। इसी बीच क्षेत्रीय लेखपाल बंसराज मौके पर पहुंचे तो उन्होंने मृतक के पोस्टमार्टम की बात कही। घरवालों ने पोस्टमार्टम कराने से साफ़ मना कर दिया जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। शिवबचन की मौत के बाद भानुमति की सदमे जैसी हालत हो गई है। पूरे घर में कोहराम मचा हुआ है। लेकिन अभी तक तहसील प्रशासन की ओर से कोई आर्थिक सहायता की बात नहीं की गई है और न ही कोई परिवार को ढांढस बंधाने गया है।
ठंड का आखिरी पड़ाव चल रहा हैं। जिले की अधिकतर तहसीलों में ठंड से बचाव के लिए प्रशासन द्वारा जगह-जगह अलाव जलवाए गए हैं। रैंनबसेरे भी बनवा दिए गये जिससे गरीब व असहायों को छत मिल सके। लेकिन मोतीपुर तहसील के एसडीएम केपी भारती द्वारा पूरे तहसील क्षेत्र में कहीं भी ऐसी कोई व्यवस्था नही की गई है। पूरे इलाके में लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं। निजी संसाधनों से अलाव जलाए जा रहे हैं। लिहाजा तहसील प्रशासन की इस लापरवाही और ठंड से आज एक व्यक्ति की मौत भी हो गई।