बहराइच। डीएम माला श्रीवास्तव के निर्देश पर जिले में चल रहे 27 डाइग्नोस्टिक सेंटर के त्रैमासिक निरीक्षण के क्रम में बुधवार को डिप्टी सीएमओ पीके बान्दिल जब मिहींपुरवा स्थित सनसाइन डाइग्नोस्टिक सेंटर पर अपनी टीम के साथ पहुंचे तो कहानी कुछ और निकली। सरकारी गाड़ी देख डाइग्नोस्टिक सेंटर का मालिक मरीजो को बंद कर भाग गया। यह डाइग्नोस्टिक सेंटर पूरी तरह अवैध निकला जिसे डिप्टी सीएमओ की अगवाई में सील कर दिया गया। डाइग्नोस्टिक सेंटर का मालिक आलोक शर्मा फ़िलहाल फरार है।
जानकारी के मुताबिक अवैध रुप से संचालित सनसाइन डाइग्नोस्टिक सेंटर पर अतिरिक्त मजिस्ट्रेट राकेश श्रीवास्तव व डीप्टी सीएमओ पीके बान्दिल बुधवार शाम 3 बजे जैसे ही डाइग्नोस्टिक सेंटर पहुंचे, वहां मौजूद डॉक्टर मरीजो को सेंटर में बंद कर भागे गये। मरीज़ अपने को बंद पाकर काफी डर गये। अधिकारियों ने जब सेंटर खंगालना शुरु किया तो सेंटर से संबन्धित कोई भी दस्तावेज सही नहीं मिले। अतिरिक्त मजिस्ट्रेट राकेश श्रीवास्तव ने तहसील प्रशासन को मामले की सूचना दी। मौके पर तहसीलदार केशव प्रसाद व मोतीपुर के एसएचओ हेमंत गौड़ ने पहुंचकर ताला तोड़ने की बात की, उसी समय एक कर्मचारी ने आकर डाइग्नोस्टिक सेंटर का ताला तोड़ा। डाइग्नोस्टिक सेंटर संचालक आलोक शर्मा निवासी नानपारा कार्यवाही होने तक मौके से फरार रहे। अधिकारियों ने सेंटर पर मौजूद 9 मरीजो से कलमबंद बयान लिया तथा मशीनों की जांच की। प्रशासन ने चिकित्सकीय उपकरण, प्रिंटर, लैपटॉप समेत पूरे डायग्नोस्टिक सेंटर सील कर ताला लगा दिया। मजिस्ट्रेट बहराइच राकेश श्रीवास्तव व डीप्टी सीएमओ ने इस मामले में उचित कार्यवाही की बात कही है।