बहराइच। विकासखंड मिहींपुरवा के मोतीपुर गांव में पिछले 15 सालों से रेलवे की जमीन पर कब्जा किये हुए गरीबोँ की झुग्गियां रेलवे विभाग ने उजाड़ दीं। शुक्रवार सुबह रेलवे विभाग के अफसर आये और बेधड़क लोगों के घरों में घुसकर सामान हटवाने लगे। कुछ ही घंटे की कार्यवाही में रेलवे विभाग तीन घरों को उजाड़कर चला गया। हांलाकि रेलवे विभाग की ये कार्यवाही अनुचित नही है लेकिन घर उजड़ने से लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
विकासखंड मिहींपुरवा के मोतीपुर गांव में सड़क किनारे पिछले 15 साल से रेलवे की जमीन पर लगभग 100 से ज्यादा लोगों ने कब्ज़ा कर रखा था। कब्जे की भनक रेलवे विभाग को पहले ही थी इसलिए बीते दिनों विभाग ने नोटिस देकर लोगों को 6 दिसंबर तक जमीन खाली करने का वक्त दिया था। लोगों का आरोप है कि नोटिस की सूचना देने में कोताही बरती गई। जिनके घर टूटे उन्हें इसकी भनक नही थी। शुक्रवार को रेलवे विभाग के अफसर कुछ पुलिसकर्मियों के साथ आए और शकीना बानों 90 वर्ष, जुबेदा खातून 35 वर्ष व गुड्डी देवी 35 वर्ष की झुग्गियां उजाड़ने लगे। इन लोगों ने जब घर उजाड़ने का विरोध किया तो इनकी एक न सुनी गई। जिन लोगों के घर तोड़े गये उनके घर में कमाने वाला कोई नही है। तीनों महिलाओं के पति की मौत हो चुकी है। महिलाएं दूसरों के घर काम करके अपना जीवन-यापन करती हैं। घर उजड़ने से तीनों परिवार पूरी तरह टूट चुके हैं। इस पूरे मामले में एसडीएम कीर्ति प्रकाश ने बताया कि अतिक्रमण हटाने की सूचना मिली थी, जिनके घर टूटे हैं उन्हें हरसंभव मदद दी जाएगी। आपको बताते चलें कि मिहींपुरवा में ही कई एकड़ ऐसी रेलवे की जमीन है जिसपर लोगों ने सालों से कब्जा कर रखा है लेकिन रेलवे को सिर्फ इन गरीबों का कब्जा दिखाई दिया ये बात समझ से बाहर है।