बहराइच। अपने बेतुके बयान और पार्टी में रहते हुए बीजेपी पर कीचड़ उछालने वाली सांसद सावित्री बाई फुले ने बृहस्पतिवार को भाजपा इस्तीफा दे दिया। फुले ने इस्तीीफा देने के बाद कहा कि दलितों को श्रीराम मंदिर नहीं, संविधान चाहिए। हनुमान जी दलित थे तभी भगवान श्रीराम ने उन्हें बंदर बनाया। उन्होंने कहा कि दलित सांसद होने के कारण मेरी बातों को और मुझे अनसुना किया गया है। आज मैं बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं। उन्होंने इस दौरान बीजेपी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि बीजेपी समाज में बंटवारे की कोशिश कर रही है।
सावित्री बाई फुले ने कहा कि संविधान को समाप्त करने की साजिश की जा रही है। दलित और पिछड़े वर्ग का आरक्षण बड़ी बारीकी से समाप्त किया जा रहा है। जब तक मैं जिंदा रहूंगी घर वापस नहीं जाऊंगी। संविधान को पूरी तरह से लागू करूंगी। उन्होंने कहा कि मैं 23 दिसम्बर को लखनऊ के रमाबाई मैदान में महारैली करने जा रही हूं और उसमें मैं एक बड़ा धमाका करूंगी। उन्हों ने आगे कहा ‘मैं सांसद हूं, जब तक कार्यकाल है सांसद रहूंगी। बताते चलें कि सावित्री बाई फुले ने 2012 में बीजेपी के टिकट पर बलहा (सुरक्षित) सीट से चुनाव जीता था और 2014 में उन्हें सांसद का टिकट मिला और वह संसद पहुंचीं। वह बीजेपी की दलित महिला चेहरा थीं। छह साल की उम्र में उनकी शादी कर दी गई थी लेकिन उनकी विदाई नहीं हुई। बढ़ती उम्र के बाद उन्होंने संन्यास ले लिया।