बहराइच। पीलीभीत में वर्ष 2013 में तैनाती के दौरान वन विभाग की भर्ती प्रक्रिया में अनिमियतता बरतने के मामले में प्रमुख सचिव वन ने कड़ा संज्ञान लेते हुए मोतीपुर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी खुर्शीद आलम को सस्पेंड कर दिया है। ये खबर मोतीपुर वन विभाग के हवाले से आई है।
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2013 में पीलीभीत में रेंजर के पद पर तैनाती के दौरान खुर्शीद आलम को वन विभाग की भर्ती प्रक्रिया में पदाधिकारी बनाया गया था। लेकिन अब भर्ती प्रक्रिया में अनिमियतता के मामलें में अभ्यर्थियों और प्रशासन के अधिकारियों की शिकायत पर शासन द्वारा उच्च स्तरीय जांच कराई गई है। जांच के दौरान वन क्षेत्राधिकारी के खिलाफ़ भर्ती प्रक्रिया में अनिमियतता का मामला सही पाया गया। इस मामले में प्रमुख सचिव वन कल्पना अवस्थी ने त्वरित कार्यवाही करते हुए वन क्षेत्राधिकारी खुर्शीद आलम को सस्पेंड करने के आदेश दे डाले। बताते चलें कि वर्तमान में खुर्शीद आलम मोतीपुर वन रेंज में वन क्षेत्राधिकारी के पद पर तैनात थे, वहीँ मोतीपुर में तैनाती के दौरान भी खुर्शीद पर वन विभाग की दुर्लभ प्रजाति की लकड़ियों के तस्करी के आरोप लगते रहे हैं।
अनिमियतता के मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्यवाही करने की मांग की गई जिसके बाद इसकी सूचना प्रमुख सचिव वन कल्पना अवस्थी को दी गयी। कल्पना अवस्थी द्वारा डीएफओ को त्वरित कार्यवाही करने के आदेश दिए गये। डीएफओ के आदेश पर खुर्शीद आलम को सस्पेंड कर दिया गया है। डीएफओ कतर्निया ने बताया कि वन क्षेत्राधिकारी खुर्शीद आलम को सस्पेंड कर दिया गया है। फिलहाल प्रशासनिक तौर पर कार्यवाहक के रुप में सत्रोहन लाल को वन क्षेत्राधिकारी बनाया गया है।