मिहींपुरवा के युवा कवि ने प्रयागराज कुंभ में बिखेरा जलवा
बहराइच। “स्याही मन के कागज पर बिखर जाए तो कविता है, जिगर फौलाद पानी सा पिघल जाए तो कविता है”। ...
बहराइच। “स्याही मन के कागज पर बिखर जाए तो कविता है, जिगर फौलाद पानी सा पिघल जाए तो कविता है”। ...
निःसंदेह कविताओं के बुरे दिन आ गए हैं जो हम जैसे कवि मंच पा गए हैं यानि पूरे भारत मे ...
क्या बदल गया ,और क्या बदल जाता ? ये सवाल गर मन मे पहले ही मचल जाता । ठंड सुबहो ...
बस्तियों के बीच शोरगुल सा माहौल था, समां खामोश थी मौसम गमगीन था। आते-जाते राहगीर देखकर थे हैरान, इतनी शोर ...