लखनऊ। कोरोना ने एक बार प्रदेश में दस्तक दे दी है। लगभग 7 महीने के बाद एक के बाद एक 7 केस सामने आए हैं। जिसके बाद शुक्रवार को शासन ने सभी सरकारी, निजी अस्पतालों के साथ ही सीएमओ को नई गाइडलाइन जारी कर दी। इसके तहत इंफ्लुएंजा जैसे लक्षणों, खांसी, बुखार व श्वांस संबंधी बीमारियों की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की कोविड जांच कराई जाएगी। पॉजिटिव पाए जाने पर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नमूना केजीएमयू भेजा जाएगा।
नई गाइडलाइन के तहत खांसी, जुकाम, बुखार व श्वांस संबंधी रोगियों पर विशेष तौर पर नजर रखी जाएगी। इन मरीजों की जब तक कोविड रिपोर्ट नहीं आती है तब तक आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जाएगा। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि चिकित्सालयों में भर्ती होने वाले इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) यानी इंफ्लुएंजा जैसे लक्षणों वाले मरीजों और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआई) यानी गंभीर किस्म के श्वसन तंत्र के संक्रमण के मामलों में अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी।
भीड़ वाले स्थानों पर जाएं तो लगाएं मास्क
क्रिसमस व नए वर्ष की पूर्व संध्या पर होटल, रेस्त्रां व मॉल में लोगों की भीड़ जुटेगी। इससे संक्रमण के प्रसार की आशंका है। इसको देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने लोगों से भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने की अपील की है। मास्क लगाने पर जोर दिया है, ताकि कोविड के प्रसार को रोका जा सके।
निजी अस्पतालों को भी करना होगा गाइडलाइन का पालन
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है निजी अस्पतालों को भी कोविड की नई गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। निजी अस्पतालों को कहा गया है कि खांसी, बुखार व श्वांस संबंधी बीमारियों की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों को आइसोलेशन में रखें। उनकी कोविड जांच कराएं। रिपोर्ट आने तक कोविड प्रोटोकाॅल का पूरी तरह से पालन किया जाए।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के कई मामले देश के अलग-अलग प्रदेशों से सामने आए हैं। केरल, गोवा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और मध्य प्रदेश में कोरोना के मामले सामने आने के बाद केंद्र और सभी राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी किया है। डॉक्टर्स के अनुसार अगले 15 दिन बेहद अहम हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी देखने को मिल सकती है। डॉक्टरों नये वायरस से बुजुर्गों को सावधान रहने की नसीहत दी है। डॉक्टरों का कहना है कि नया वायरस पिछले वायरस से ज्यादा घातक नहीं है, लेकिन फिर भी सावधान रहना आवश्यक है।
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