महोबा। उत्तर प्रदेश के महोबा में एक हैरान कर देने मामला सामने आया है जिसने प्रदेश की पुलिस और उसके पूरे बंदोबस्त को सवालों के कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया। जेल का एक कैदी पेशी पर जाते समय वज्र वाहन से फेसबुक लाइव कर रहा था और पुलिस की गाड़ी में बैठकर अपने दुश्मनों को धमका रहा था। इस मामले में चार पुलिसकर्मियों सस्पेंड कर दिया गया है और कैदी के खिलाफ धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज की गई।
जनपद हमीरपुर के पंधरी निवासी लोकेंद्र उर्फ कारतूस यादव को 21 अक्टूबर को बंदी लोकेंद्र उर्फ कारसूत यादव को पुलिस की सुरक्षा में पेशी के लिए हमीरपुर ले जाया जा रहा था। उसकी सुरक्षा के लिए वज्र गाड़ी में उसके साथ दारोग शशांक देव, हेड कांस्टेबल अरविंद आर्या, कौशलेंद्र मिश्रा और कांस्टेबल कमलेश कुमार मौजूद थे। कैदी कारतूस यादव के पास एक एंड्रॉइड मोबाइल फोन मौजूद था। उसने उसी गाड़ी में बैठे बैटे मोबाइल से फेसबुक लाइव करना शुरू कर दिया और उसी लाइव में उसने अपने दुश्मनों को धमकी देना शुरू कर दिया।
हैरत की बात यह है कि इस वज्र वाहन में मौजूद उपनिरीक्षक और तीन कांस्टेबल इस बात से पूरी तरह से अनजान बने रहे। वहीं सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस की कार्रशैली पर सवाल खड़े हुए।
चार संगीन मामलों में केस दर्ज
लोकेंद्र उर्फ कारतूस यादव गैरइरादतन हत्या के एक मामले में वो महोबा जेल में बंद है। उसके खिलाफ साल 2021 में मुकदमा दर्ज हुआ था। उसके खिलाफ दफा 323, 506, 504, 308 आईपीसी की धाराओं में केस दर्ज हैं। यानी कारतूस सिंह के खिलाफ जानबूझकर किसी को चोट पहुँचाना, किसी को जान से मारने की धमकी देना, जानबूझकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना, और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज है।
दोषी पुलिसवाले सस्पेंड
एसपी अपर्णा गुप्ता ने पहली नज़र में ड्यूटी पर मौजूद सभी पुलिसवालों को दोषी पाया और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। पुलिस अधीक्षक सत्यम ने बताया कि सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हो गया जिसमें कारतूस यादव अपने दुश्मनों को गाली देकर धमकी देता दिखाई पड़ रहा था। इंस्पेक्टर शशांक देव, हेड कॉन्स्टेबल अरविंद आर्या, हेड कॉन्स्टेबल कौशलेंद्र मिश्रा और सिपाही कमलेश कुमार को सस्पेंड कर दिया गया और बंदी के खिलाफ धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज की गई।
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