वाराणसी। यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे पूरा हो गया है। तीसरे और अंतिम दिन करीब सवा दो घंटे तक सर्वे चला। बताया जा रहा है कि सर्वे टीम को परिसर के एक हिस्से में शिवलिंग नजर आया। सर्वे टीम में शामिल हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने तुरंत वाराणसी कोर्ट में आवेदन दिया। जिसके बाद बनारस कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि जिस जगह शिवलिंग मिला है, उस स्थान को सील किया जाए। कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाली जगह पर किसी के भी आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है हालांकि वाराणसी कोर्ट के सर्वे के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई हैं।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में लगातार तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य शुरू हुआ था। एडवोकेट कमिश्नर समेत वादी प्रतिवादी सब ज्ञानवापी मस्ज़िद में मौजूद थे। तीन दिन का सर्वे पूरा होने पर वाराणसी जिला और पुलिस प्रशासन ने सभी पक्षों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर तीन दिन का यह सर्वे कराया गया। इसमें सभी पक्षों ने सहयोग दिया। प्रशासन ने लोगों से इस मामले में सिर्फ अधिकारिक बयानों पर ही भरोसा करने की अपील की है।
सरकारी वकील महेंद्र प्रसाद पांडेय ने सर्वे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज सर्वे कमीशन ने अपना काम पूरा कर लिया है। पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीक़े से हुई है। कल कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र की ओर से कमीशन की कार्यवाही की विस्तृत रिपोर्ट मंगलवार को न्यायालय में सौंपी जा सकती है। न्यायालय ने रिपोर्ट दाखिल करने की तिथि 17 मई नियत की है। अधिवक्ता आयुक्त का कहना है कि रिपोर्ट समय पर सौंपने की कोशिश होगी। अगर कोई दिक्कत आएगी तो न्यायालय से समय मांगा जाएगा।
12 फुट लंबा शिवलिंग मिलने का दावा
सुबह साढ़े सात बजे ही विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह, अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्र और कमीशन की टीम के अन्य सदस्यों ने सर्वे के लिए परिसर में प्रवेश किया। इससे पहले रात में ही जलकल विभाग की टीम लगाकर वजू खाने से पानी और मछलियों को निकलवा दिया गया था। वजूखाने के नीचे सर्वे की कार्यवाही के दौरान करीब 12 फुट लंबे और आठ फीट चौड़े शिवलिंग मिलने का दावा किया गया।
हिंदू पक्ष की तरफ से सोहनलाल ने कहा कि मस्जिद में बाबा मिल गए वही बाबा जिनकी नंदी प्रतीक्षा कर रहे थे। सोहनलाल ने मीडिया के सामने आगे कहा कि जैसे ही मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिला वहां हर हर महादेव के नारे लगने लगे। लोग खुशी से नाचने लगे।सोहनलाल ने यह भी कहा कि अब पश्चिमी दीवार के पास जो मलबा है उसकी जांच की मांग उठाई जाएगी।
हिंदू पक्ष की तरफ से ही मोहन यादव ने कहा कि ज्ञानवापी में वजूखाने या तालाब में 12 फीट 8 इंच व्यास का शिवलिंग मिला है जो अंदर काफी गहरा हो सकता है। इस शिवलिंग का मुंह नंदी की तरफ है और वजूखाने का पूरा पानी निकालकर इसे देखा गया था। इस बीच, मुस्लिम पक्ष ने इस दावे से इनकार किया है।
शिवलिंग दिखते ही वादी पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन अदालत पहुंच गए। उनके आवेदन पर सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने नंदी के सामने शिवलिंग वाली जगह को सील करने का आदेश दिया है।
अदालत ने आदेश दिया कि ‘जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें। सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी तथा सीआरपीएफ कमांडेंट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि इस स्थान को सील किया जाए।
माना जा रहा है कि आदि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग का असली स्थान ज्ञानवापी ही था। जिसकी ओर काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में मौजूद नंदी का मुख सदियों से विद्यमान है। हिंदू मान्यता के अनुसार नंदी का मुख सदैव शिवलिंग की ओर ही होता है। ऐसे में नंदी की मूर्ति का मुख ज्ञानवापी मस्जिद की ओर होने की वजह से ही हिंदू पक्ष की ओर से मस्जिद के सर्वे की मांग लंबे समय से उठ रही थी।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ज्ञानवापी का मामला
विवाद के बीच ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। कल दोपहर 1 बजे करीब जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और पीएस नरसिम्हा की बेंच इस पर सुनवाई कर सकती है।मस्जिद की कमेटी ने सर्वे और कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं।
Discussion about this post