बहराइच। शासन ने बाढ़ से प्रभावित परिवारों के लिए स्थापित होने वाले राहत कैम्पों के माध्यम से लोगों को अच्छी से अच्छी सुविधाएं प्रदान करने की मंशा जताई है। बाढ़ राहत कैम्पों के प्रबंधन के सम्बन्ध में जारी शासनादेश में कहा गया है कि कैम्प के संचालन के लिए ऐसे स्थल का चुनाव किया जाए जो आवागमन की दृष्टि से सुगम, बाढ़ क्षेत्र से बाहर एवं ऊॅचाई पर स्थित हों। कैम्प में शरणार्थियों के लिए स्वच्छ बिस्तर, तकिया, चादर एवं चारपाई तथा पंखे आदि की व्यवस्था भी की जाए। इन कैम्पों के संचालन के लिए नायब तहसीलदार से अन्यून अधिकारी को नोडल की जिम्मेदारी सौंपी जाने की बात कही गई है।
शासन की ओर से यह भी निर्देश प्राप्त हुए हैं कि एसडीआरएफ मानक की दर के अनुसार राहत कैम्प में स्वच्छ, पोषण युक्त ताज़ा भोजन की प्रतिदिन दो बार व्यवस्था की जाये। महिलाओं की विशेष सुरक्षा के लिए महिला गार्ड की नियमित रूप से ड्यूटी लगायी जाए तथा महिला कर्मचारियों के माध्यम से महिलाओं के मध्य सैनेटरी नैपकिन का वितरण तथा डिस्पोज़ल की उचित व्यवस्था करायी जाए।
राहत कैम्प में पब्लिक एनाउन्समेन्ट सिस्टम स्थापित किया जायेगा, राहत कैम्प में मीडिया ब्रीफिंग के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जायेगा। राहत कैम्प में रहने वाले समस्त व्यक्तियों के नाम, पता, फोन नम्बर एवं कैम्प में रहने की अवधि का विवरण भी सुरक्षित रखा जायेगा। इसके अलावा भी कई ख़ास इंतजाम किये गये हैं, जिससे बाढ़ पीड़ित लोगों को कोई असुविधा न हो। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी राम सुरेश वर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ एके पाण्डेय, जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह, उप निदेशक कृषि डॉ आरके सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी मौजूद रहे।