वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ऑनलाइन गेम में लाखों रुपए हारने पर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR) ने फांसी लगा ली। कर्जदारों की धमकी और तानों से वह डिप्रेशन में आ गया था। मकान मालिक की सूचना पर पहुंची कैंट पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया।
चंदौली जिले के हुसैपुर बलुआ निवासी अभिषेक यादव एक मल्टीनेशनल दवा कंपनी में MR थे। उनका कार्यक्षेत्र वाराणसी समेत आसपास के जिलों में था। अभिषेक ने कैंट थाना क्षेत्र के टकटकपुर की राधापुरम कॉलोनी में किराए पर कमरा ले रखा था। अभिषेक यादव पत्नी ममता और दो साल के बेटे कृष्णा के साथ किराये पर रहता था। वहीं उसका कमरा मंगलवार से बंद था। बुधवार को भी दिन में देर तक नहीं खुला तो मकान मालिक राधेश्याम ने आवाज लगाई। उत्तर नहीं मिलने पर रोशनदान से झांका। देखा कि वह फंदे से लटका है। सूचना पर कैंट इंस्पेक्टर राजकुमार फोरेंसिक टीम के साथ पहुंचे। बेड पर सूटकेस और लाल रंग की कुर्सी पड़ी थी। तंबाकू और सिगरेट का पैकेट भी था। आशंका है कि अभिषेक ने सूटकेस से पत्नी की साड़ी निकाली और उसी से फंदा बनाकर लटक गया।
गाजीपुर की ममता से हुई शादी
गाजीपुर निवासी दरोगा अक्षय लाल यादव ने अपनी बेटी ममता की शादी 2013 में रक्षा मंत्रालय के पूर्व अफसर मुसाफिर सिंह के बेटे अभिषेक यादव से की थी। संपन्न परिवार देखकर उन्होंने बड़ी बेटी की शादी में दान दहेज भी दिया और बीच-बीच में भी मदद करते रहे। दो बेटियां होने के चलते सब कुछ बेटियों में ही बांट दिया। सोनभद्र में तैनाती के दौरान दरोगा अक्षयलाल को तीन साल पहले उन्हें पता चला कि दामाद गलत संगत में नशे और जुआ का आदी हो गया है। घर जाकर समझाया, लेकिन दामाद नहीं माना और आदतें जारी रखीं। इसके बाद बेटी ने एक दिन बताया कि कुछ लोग अभिषेक को मारने की धमकी दे रहे हैं और उन पर 12 लाख का कर्ज बताया। इसके बाद दरोगा ससुर ने अपने GPF अकाउंट से इमरजेंसी फंड को अप्लाई किया और सात दिन बाद 12 लाख रुपए का कर्ज चुकाया। तब अभिषेक ने ऑनलाइन गेमिंग छोड़ने का वादा भी किया था, लेकिन वह नहीं माना। लगातार जुआ और शराब में लिप्त रहा।
दो महीने पहले पत्नी को पीटा तो चली गई मायके
पुलिस की अब तक की पूछताछ में सामने आया कि वाराणसी में किराए पर अभिषेक अपनी पत्नी ममता और दो साल के बेटे कृष्णा के साथ रहता था। अभिषेक शराब पीकर आए दिन पत्नी को पीटता था, उसने बेटे को भी कई बार पीटा। उसे बचाने में ममता को चोटें भी लगीं। एक दिन दोनों को पीटकर घर के बाहर निकाल दिया। इसके बाद ममता ने पिता को फोन किया और वाराणसी में भुल्लनपुर स्थित आवास पर चली गईं। तब से दोनों में बातचीत बंद थी और ममता भी अभिषेक को फोन नहीं करती थी।