महसी(बहराइच)। महसी तहसील क्षेत्र में भेड़िए का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। भेड़िया रोज एक नया शिकार कर रहा है। सोमवार रात भेड़िया मां के पास में सो रहे मासूम को उठा ले गया। मंगलवार सुबह घर से 500 मीटर दूर पर उसका शव मिला। भेड़िया सिर खा गया था। पूरे शरीर पर खरोंच के निशान थे। इससे पहले रविवार को भी भेड़िए ने एक महिला को मार डाला था यानि 24 घंटे में 2 की मौत हुई है। डेढ़ महीने में भेड़िये के हमले में सात लोगों की जान जा चुकी है और 25 लोग घायल हुए हैं।
खैरीघाट थाना के दीवान पुरवा में गांव निवासी सजन का पांच वर्षीय बेटा अयांश आंगन में अपनी मां की गोद में लेटा था। देर रात तकरीबन तीन बजे भेड़िया दबे पांव पहुंचा और मासूम को जबड़े में दबोच कर भाग गया। सुबह गांव के बाहर क्षतविक्षत शव मिला। मौके पर पहुंची पुलिस एवं फोरेंसिक लैब टीम ने घटनास्थल का बारीकी से परीक्षण किया व जांच में जुटी है।
दो महीने में सात की ले चुके हैं जान
खैरीघाट थाना क्षेत्र के दीवानपुरवा निवासी अयांश (5) को निवाला बनाने से पूर्व भेड़िया हरदी थाना क्षेत्र के कुम्हारन पुरवा निवासी रीता देवी(52), हरदी क्षेत्र निवासी खुशबू (5), संध्या (4), सिसैया चूरामणि के मजरा कोलैला निवासी किशन(7), नकवा निवासी प्रतिभा (2) व मक्कापुरवा निवासी अख्तर रजा (डेढ़ वर्ष) को निवाला बना चुका है। यहीं नहीं कटैलापुरवा निवासी राजपत (8), सुखरामपुरवा निवासी सोनू (8), नथुवापुर निवासी फकीरे (70) व फकीरे की बहू संपत (20), सिसैया चूड़ामड़ि निवासी मखाना (80) व सोनम (10), खौरहवा बाबा निवासी छोटेलाल(60), दरैहिया निवासी उत्कर्ष(10), गंगापुरवा निवासी कांति (7), अजीत (12), बैरागीपुरवा निवासी पल्लवी(6), दिव्यांशी (5), अनुराधा (9), किलाची (7), काजल (25), वंश (8), शिवानी(9), हरियाली (6) समेत 25 को घायल कर चुका है।
ड्रोन से भेड़ियों की निगरानी
सीसीटीवी और ड्रोन से भेड़ियों की निगरानी की जा रही है। तीन दिन पहले तलाशी अभियान के दौरान वन विभाग के ड्रोन कैमरे में 4 भेड़िए कैद हुए थे। चारों एक साथ घूम रहे थे, वन विभाग की टीम ने लोकेशन के आसपास भेड़ियों की तलाश की लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला।
3 भेड़िए पकड़े जा चुके
वहीं अब तक 3 भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। 18 अगस्त, 2024 को हरदी इलाके के सिसैया चूड़ामणि में भेड़िया पिंजरे में फंसा था। इससे पहले कुलैला गांव में एक नर भेड़िया पिंजरे में कैद हुआ था। उससे पहले एक मादा भेड़िया भी पिंजरे में कैद हुई थी। मक्का पुरवा और कुलैला कछार में 4 पिंजरे लगाए गए हैं।