मिहींपुरवा(बहराइच)। प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दम भरते नहीं थकती। लेकिन सरकारी अस्पताल के डॉक्टर आए दिन सरकार के इन दावों को ठेंगा दिखा रहे हैं। जिले के एक अस्पताल में डॉक्टर सामान्य अस्पताल के बजाए प्राइवेट क्लीनिक में मरीजों को बुलाकर इलाज करते हैं और उनसे फीस भी वसूलते हैं।
जिला बहराइच के कस्बा मिहींपुरवा में सीएचसी प्रभारी अपने आवास पर ही निजी अस्पताल चला रहे हैं। मरीजों के लिए भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर मोटी तनख्वाह पाने के बावजूद गरीबों से रूपये एंठने की दुकान खोले हुए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. रामनारायण वर्मा ने सरकारी अस्पताल में सुबह 8 से 2 बजे तक अपनी ड्यूटी की खानापूर्ती के बाद अपने सरकारी आवास पर अस्पताल बनाया हुआ है। सीएचसी के मरीजों को यहाँ निजी अस्पताल पर बुलाया जाता है, 2 बजे के बाद आवास पर मरीजों की भारी-भरकम भीड़ रहती है, मरीजों से फीस के नाम पर 100 रूपये वसूले जाते हैं।
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इसके अलावा सीएचसी में भी मरीजों के लिए अस्पताल के पर्चे की बजाए एक सादा कागज़ पर दवाई लिखी जाती हैं जिन्हें बाहर से लाने को कहा जाता है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर साहब का मेडिकल स्टोर से पहले से ही कमीशन सेट है। मरीजों की जाँच भी डॉक्टर द्वारा बताई गई पैथालोजी पर की जाती है, वहां भी कमीशन का मामला है।
हैरानी की बात कि सीएचसी में कई वर्षों से वसूली का खेल चल रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग अनजान बना हुआ है। आसपास के लोग बताते हैं कि कई शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नही हुई है। इस मामले में सीएमओ से जब बात हुई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आते ही जांच की जाएगी।