कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां कथित तौर पर संक्रमित खून चढ़ाने से 14 बच्चों की जिंदगी दांव पर लग गई है। बच्चे HIV और हेपेटाइटिस से पीड़ित हो गए हैं। इस मामले पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिये हैं।
GSVM मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार आर्या ने बताया कि थैलेसीमिया से पीड़ित 180 बच्चों की स्क्रीनिंग हुई थी। इसमें 14 बच्चों को HIV और हेपेटाइटिस B-C का संक्रमण मिला। इनमें 7 बच्चों को हेपेटाइटिस-B, 5 को हेपेटाइटिस- C और 2 में HIV संक्रमण की पुष्टि हुई। यह संक्रमित ब्लड चढ़ने से हुआ है। इन बच्चों को हैलट के सेंटर पर खून चढ़वाया जाता है। इसके अलावा निजी नर्सिंग होम और दूसरे सेंटरों पर भी खून चढ़वा लेते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के पहले 40-45 थैलेसीमिया पीड़ित ही इस सेंटर में इलाज कराते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद संख्या बढ़ गई क्योंकि लखनऊ और बाहर के सेंटरों पर मरीज जा ही नहीं पाए। इस समय थैलेसीमिया पीड़ितों की संख्या 180 है।
डॉ. अरुण कुमार आर्या ने बताया कि थैलिसीमिया से पीड़ित मरीजों की स्क्रीनिंग हर 3 से 4 महीने के बीच में की जाती है। स्क्रीनिंग में देखा जाता है कि उन मरीजों में कितना सुधार हो रहा है या फिर कोई अन्य बीमारी तो नहीं अटैक कर रही है। इस स्क्रीनिंग में 14 लोगों में संक्रमित होने की बात सामने आई है।
वहीं कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया- कानपुर में जो भी थैलेसीमिया के लिए आता है, उसकी सबसे पहले स्क्रीनिंग की जाती है। 2019 के बाद से अभी तक कोई भी HIV, HCV, HBsAg और थैलेसीमिया का संक्रमित मरीज नहीं पाया गया है। HIV का एक मरीज 2014 में और एक 2019 में स्क्रीनिंग में पॉजिटिव पाया गया था, जिनका दूसरी जगह ब्लड ट्रांसफ्यूजन हो रहा था।
2016 में हेपेटाइटिस- B के 2 मरीज स्क्रीनिंग में पॉजिटिव मिले थे। हेपेटाइटिस- C के 2014 में 2, 2016 में 2, 2019 में 1 पॉजिटिव पाए गए। अभी तक मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफ्यूजन से कोई भी थैलेसीमिया का मरीज संक्रमित नहीं हुआ है। GSVM मेडिकल कॉलेज में एलाइजा के साथ नेट (NAT) टेस्टिंग भी की जाती है। यह वर्ल्ड का सबसे बड़ा टेस्ट है और अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से ही है।
वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए गए हैं। सरकार बच्चों और उनके परिजनों के साथ खड़ी है। प्राइवेट लैब से खून चढ़ाने की बात शुरुआती जांच में सामने आई है। पूरी रिपोर्ट सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।