कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में पीएम व सीएम के नाम सुसाइड नोट लिख बुजुर्ग किसान ने फंदा लगाकर जान दे दी। सुसाइड नोट में बैंक का कर्ज, खेत गिरवी व सांड़ के हमले में घायल होने के बाद से दर्द से परेशान होने व चलने में समस्या का जिक्र किया गया है।
मंगलपुर कस्बा निवासी चंद्रपाल सिंह (80) के पास सात बीघा खेतिहर जमीन है। उन्होंने दो महीने पहले पूर्वी बड़ौदा ग्रामीण बैंक की मंगलपुर शाखा से किसान क्रेडिट कार्ड पर 3.60 लाख रुपये खेतीबाड़ी के लिए कर्ज लिया था। एक माह पूर्व खेत पर काम करते समय सांड़ ने उन पर हमला कर दिया था और घायल हो गए थे। इलाज के बाद कुछ सही हुए थे लेकिन चलने पर दर्द होता था। परिजनों के अनुसार इधर-उधर से पैसों का जुगाड़ करके चंद्रपाल ने अपना इलाज कराया। पैसे की कमी के चलते चंद्रपाल ने एक बीघा खेत गांव के ही एक व्यक्ति के पास गिरवी रखकर 60 हजार रुपये कर्ज लिया था।
इधर, कर्ज नहीं चुका पाने से चंद्रपाल मानसिक तनाव में चल रहे थे। रविवार दोपहर 12 बजे किसान का शव घर से 500 मीटर की दूरी पर एक पेड़ से लटका मिला। ग्रामीणों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसान के शव को पेड़ से नीचे उतरवाया। उसके कपड़ों की तलाशी ली। पुलिस को किसान के कुर्ते की जेब से एक लेटर मिला। जिस पर पीएम और सीएम का नाम लिखा हुआ है। किसान ने अपना सारा दुख उस लेटर पर लिखा हुआ है।
किसान ने सुसाइड नोट में लिखा यह
आदरणीय माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आदरणीय माननीय योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश आप को विदित हो कि मैं किसान चंद्रपाल सिंह मंगलपुर। मेरे पास मात्र सात बीघा जमीन है। मेरे एक लड़का व दो लड़की हैं। दूसरे लड़के की मृत्यु हो गई है। दो नाती हैं। एक की शादी हो गई है। इनका पालन पोषण शादी आदि से मेरे ऊपर बैंक का 3.60 लाख का कर्जा है। एक बीघा खेत 60 हजार में गिरवी रखा है। आप खुद लेखपाल बैंक से पता कर लो।
मुझे अन्ना सांड ने इतना पटक कर मारा है कि चल तक नहीं पाता। एक अन्य सांड मुझे मेरे दरवाजे पर ही मार डालता, अगर पड़ोसी सांड को नहीं भगाते। मैं तो बेहोश हो गया था। जिला पंचायत सदस्य संतोष ने बचा लिया। अब एक कर्ज का दर्द दूसरा सांड के मारे के दर्द से रात में मैं पीड़ा से चिल्लाता हूं, तो मैंने यहीं सोचा कि इस जीवन से मौत अच्छी है। इसी को गले लगा लिया। सभी गांव वाले और पड़ोस वाले मुझे मानते रहे। नमस्कार विशेष कर भंनसई वाले बच्चों। इनकी मैंने बहुत रोटी खाई। हमारी गलती जो हुई हमारे को माफ कर देना। चंद्रपाल सिंह मैं ज्यादा दुखी हूं हरि के यहां अब मैं जा रहा।
थाना प्रभारी एसएन सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में कर्ज न चुका पाने से परेशान होकर किसान के खुदकुशी करने की बात सामने आई है। सुसाइड नोट मिला है। मामले की जांच की जा रही है।