वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे के खिलाफ दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। फैसला तीन अगस्त को सुनाया जाएगा। तब तक सर्वेक्षण पर रोक भी बरकरार रहेगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्षकार से सवाल किया कि कब तक यह ज्ञानवापी मंदिर था ? हिंदू पक्षकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि औरंगजेब ने इससे मस्जिद का रूप दिया लेकिन पूरी तरीके से नहीं दे पाया। सुनवाई के दौरान ASI अधिकारी ने कोर्ट से कहा कि हम किसी भी तरीके से ज्ञानवापी परिसर को डैमेज नहीं पहुंचाएंगे केवल ब्रशिंग करेंगे स्ट्रैचिंग भी नहीं आने देंगे और डैमेज का तो कोई सवाल ही नहीं उठता।
चीफ जस्टिस एएसआई अधिकारी से पूछा कि कब तक आपका यह काम पूरा हो जाएगा तो अधिकारी ने कहा कि 4 अगस्त तक हम ये काम किसी भी हाल में पूरा कर लेंगे। चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के एजी से पूछा कि आपके इस याचिका में क्या काम है। इसके जवाब में कहा गया कि हम लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रखने के लिए आए हैं और मंदिर जो है सीआरपीएफ के कंट्रोल में है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एजी ने कोर्ट से कह दिया है कि एएसआई ने भरोसा दिलाया है कि वह किसी भी तरीके से परिसर को डैमेज नहीं पहुंचाएंगे और वह लॉ एंड ऑर्डर सिचुएशन को मेंटेन रखेंगे।
बुधवार को हुई थी साढ़े चार घंटे सुनवाई
इससे पहले बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने दो चरणों में लगभग साढ़े चार घंटे तक चली सुनवाई पूरी न हो पाने के कारण गुरुवार के लिए मामले को टाल दिया था। कोर्ट ने सर्वे पर रोक बरकरार रखने का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष इंतजामिया कमेटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता फरमान नकवी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि मुस्लिम पक्ष ढांचे की खुदाई कराना चाहता है। इससे पुराना ढांचा गिर सकता है। इसके बाद कोर्ट ने वाराणसी से एएसआई अफसर को बुलाया और शाम साढ़े चार बजे दोबारा सुनवाई की थी।
एएसआई की ओर से एडिशनल डायरेक्टर जनरल आलोक त्रिपाठी उपस्थित हुए। कोर्ट ने उनसे पूछा कि अब तक सर्वे का कितना काम पूरा हुआ है, इस पर उन्होंने बताया कि पांच प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। कोर्ट ने जानना चाहा कि आप सर्वे का काम कब तक पूरा कर लेंगे। आलोक त्रिपाठी ने बताया कि 31 जुलाई तक सर्वे का काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कोर्ट को बारीकी से जीपीएस सर्वे की तकनीक के बारे में बताया था।