नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मंगलवार को सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च कर दिया है। इस पोर्टल से सहारा निवेशक अपना पैसा क्लेम कर सकते हैं और इसके साथ पैसा वापसी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
सहारा रिफंड पोर्टल उन निवेशकों के लिए लॉन्च किया गया है, जिन्होंने वर्षों पहले सहारा की योजनाओं में पैसा लगाया था और उसकी अवधि पूरी हो चुकी है, लेकिन उनको पैसा वापस नहीं मिला है। ये पोर्टल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार ही लॉन्च किया गया है, जिसमें सरकार से कहा गया है कि दिसंबर से पहले निवेशकों को पैसा लौटाना है। इस पोर्टल पर सहारा के निवेशकों को उनका पैसा कैसे वापस मिलेगा, इसकी प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। इस पोर्टल के जरिए सरकार की कोशिश निवेशकों को पारदर्शी तरीके से पैसे लौटाने की है।
किन लोगों को मिलेगा पैसा?
सहारा समूह की सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड समितियों के पास पैसे जमा करने वाले निवेशकों को राहत दिलाने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इनके दावों की भरपाई के लिए 5,000 करोड़ रुपये सीआरसीएस को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था।
निवेशकों को क्या करना होगा?
सहारा निवेशकों को पहले तो ये चेक करना होगा कि उनका पैसा किस समिति में लगा है। वहीं, अपने सभी डॉक्यूमेंट को इकट्ठा करना होगा। जब तक सभी जानकारी पूरी तरह से स्पष्ट ना हो जाए तब ये डॉक्यूमेंट किसी को देने से बचना चाहिए।
यूपी-बिहार के सबसे अधिक लोग
याद करिए 2005 के आस-पास का दौर जब यूपी-बिहार के गली-मुहल्लों में सहारा की योजना की धूम थी। लोग अपनी गाढ़ी कमाई सहारा इंडिया में अच्छे रिटर्न के लिए जमा कर रहे थे। उन्हें क्या पता था कि एक दिन यह कंपनी उनके पैसे लौटाने से मना कर देगी। 2009 में जब कंपनी आईपीओ के लिए गई तो सारी पोल ही खुल गई। जांच की गई तो पता चला कि सहारा इंडिया ने 24,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था ने सहारा को निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए कहा। लेकिन कंपनी ने आदेश को नहीं माना। समय आगे बढ़ता गया और मामला कानूनी दांव पेंच में फंसता गया। लेकिन निवेशकों का इंतजार अब आज खत्म हो रहा है।