बहराइच। कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज के आसपास के गांवों में दहशत का पर्याय बना तेंदुआ वन विभाग के हत्थे चढ़ कर पिंजरें में कैद हो गया है। तेंदुआ कई गांवों हमला कर चुका था। साथ ही उसने दो बच्चों को अपना निवाला भी बनाया था।
डीएफओ आकाशदीप वधावन ने दो माह पूर्व मोतीपुर रेंज के सोमई गौडी गांव में पिंजरा लगाया था लेकिन तेंदुआ पकड़ में नहीं आ रहा था। सोमवार रात को तेंदुआ जैसे ही शिकार के लिए पिंजड़े में रखे मांस को उठाने के लिए घुसा, वैसे ही पिंजरे का फाटक बंद हो गया। ग्राम प्रधान जय प्रकाश यादव ने सूचना रेंज कार्यालय में दी। वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र मौर्य, एसडीओ और अन्य वन कर्मी मौके पर पहुंचे। सभी तेंदुए को रेंज कार्यालय लेकर आए।
डीएफओ ने बताया कि तेंदुआ का स्वास्थ्य परीक्षण डॉक्टरों की टीम से कराया जा रहा है। मुख्य वन संरक्षक और फील्ड डायरेक्टर के निर्देश पर तेंदुए को किस जंगल में छोड़ा जाएगा, इसका फैसला लिया जाएगा।
ये हुए तेंदुए का शिकार
दो माह में तेंदुआ ने सोमई गौडी गांव निवासी सीमा (9) पुत्री रामचंद्र और रामेश्वर के 10 वर्षीय बेटे को शिकार कर मार डाला था। जबकि नौ फरवरी को सीता पत्नी नन्हू पर हमला कर घायल कर दिया था। जिनका इलाज अभी भी चल रहा है।