नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश कर दिया है। इस बजट में इनकम टैक्स पेयर्स को बड़ी राहत दी गई है। अब सालाना 7 लाख रुपए तक की कमाई होने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। यह छूट सिर्फ नई टैक्स रिजीम के तहत मिलेगी। अभी भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन बने रहेंगे।
नई इनकम टैक्स व्यवस्था ‘डिफॉल्ट’ में लागू रहेगी। इसके तहत, पांच स्लैब बनाए गए हैं और 3 लाख रुपये तक की आमदमी पर 0% टैक्स रखा गया है। 3 से 6 लाख रुपये इनकम पर 5% टैक्स लगेगा। 6 से 9 लाख रुपये आय पर टैक्स की दर 10%, 9 से 12 लाख रुपये पर 15%, 12 से 15 लाख रुपये तक 20% और 15 लाख से ऊपर आय पर 30% रहेगी। सीतारमण ने ऐलान किया कि कर छूट की सीमा बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है। मतलब 7 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाएगा। 7 लाख रुपये से ज्यादा आमदनी पर नई दरों के हिसाब से टैक्स कटेगा। अभी तक 5 लाख रुपये तक आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना पड़ता था लेकिन अब इस कैप को सरकार ने बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक कर दिया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बताया है कि नए टैक्स रिजीम को ‘डिफॉल्ट’ शिफ्ट करने का प्रस्ताव है। मतलब ये हुआ कि इसके लिए आपको कुछ नहीं करना होगा। आप खुद-ब-खुद न्यू टैक्स रिजीम के दायरे में आ जाएंगे। हालांकि, नागरिकों के पास पुरानी टैक्स व्यवस्था का लाभ उठाने का विकल्प बना रहेगा।
पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख से ज्यादा इनकम पर टैक्स
पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। अगर आपकी इनकम 2.5 से 5 लाख के बीच है तो आपको 5 लाख – 2.5 लाख = 2.5 लाख रुपए पर 5% टैक्स देना होगा। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A का फायदा उठाकर आप अब भी 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर टैक्स बचा सकेंगे।
आपको बता दें कि सरकार 2.5 लाख से 5 लाख तक की कमाई पर 5% की दर से इनकम टैक्स तो वसूलती है, पर इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है। मतलब यह कि अगर किसी की सालाना टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए तक है, तो उसे कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है, लेकिन अगर आपकी कमाई 5 लाख 10 हजार रुपए हुई तो आपको 10 हजार रुपए पर टैक्स देने के बजाय 5.10 लाख – 2.5 लाख = 2.60 लाख पर टैक्स देना होता है।
फिलहाल इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन
इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फाइल करने के 2 ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। सरकार ने नए टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट ऑप्शन कर दिया है । यानी बजट में इनकम टैक्स से दी गई राहत सिर्फ इसी पर लागू होगी। अगर आप पुराना टैक्स रिजीम चुनते हैं तो आपको ये राहत नहीं मिलेगी। यदि आप पुराना टैक्स रिजीम चुनते हैं तो आपको अपने निवेश के लिए सारे डॉक्यूमेंट देने होंगे और पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा।
गौरतलब है कि टैक्स से सरकार की सबसे बड़ी कमाई होती है लेकिन सरकार कर लगाने के साथ ही नागरिकों को इस बात की भी पूरी सुविधा देती है कि वह कानूनी तौर-तरीकों का इस्तेमाल कर अपना टैक्स बचा सकें। इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तहत आप डेढ़ लाख का निवेश कर अपना टैक्स बचा सकते हैं। अगर आप अलग से नेशनल पेंशन स्कीम में 50,000 तक निवेश करते हैं तो सेक्शन 80CCD के तहत आपको इनकम टैक्स में 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिलती है।