लखनऊ। यूपी में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि क्रिसमस की आड़ में मतांतरण न होने पाए। इसके साथ ही सीएम में धार्मिक स्थलों पर दोबारा लाउडस्पीकर लगाए जाने पर भी हिदायत दी है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से जोन, मंडल, रेंज व जिला स्तर के अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर माघ मेला की तैयारियों को समय से पूर्ण किए जाने का निर्देश दिया। कहा कि हर श्रद्धालु-हर कल्पवासी अपने व्रत-संकल्प की पूर्ति अपनी आस्था के अनुरूप कर सकें, इसके लिए अच्छी व्यवस्था देनी होगी। यह आयोजन प्रयागराज कुंभ 2025 का पूर्वाभ्यास है। योगी ने कोविड से बचाव की तैयारियों, शीतलहर में लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस के रूप में मनाई जाएगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दो टूक निर्देश दिया है कि प्रदेश में क्रिसमस का आयोजन सौहार्दपूर्ण माहौल में हो। इसके साथ ही धर्मांतरण की घटनाएं न होने पाएं, इसको लेकर अधिकारी अलर्ट रहें. सीएम ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए सभी इंतजाम परख लें।किसी भी स्तर पर कोई कमी मिलने पर बताएं, सरकार हर मदद करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के सभी लोककल्याणकारी प्रयासों के मूल में आम आदमी की संतुष्टि है। शासन-प्रशासन से जुड़े सभी कार्मिक इसे समझें। आईजीआरएस-सीएम हेल्पलाइन जनता की समस्याओं के निदान का अच्छा माध्यम बन कर उभरा है। इसके प्रकरण लंबित न रहें। इनकी हर कार्यालय में सतत समीक्षा होनी चाहिए। फील्ड में तैनात अधिकारी-कर्मचारी जनसमस्याओं के निस्तारण को शीर्ष प्राथमिकता दें। आमजन के साथ संवेदनशील व्यवहार रखें। यह ध्यान रखें कि आपका आचरण आम आदमी के मन में शासन के प्रति विश्वास का आधार बनता है। जनता की संतुष्टि ही आपके प्रदर्शन की श्रेष्ठता का मानक होगा।
धर्मस्थलों से हटाए गए लाउडस्पीकर दोबारा न लगने पाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि धर्मस्थलों से हटाए गए लाउडस्पीकर दोबारा न लगने पाए। जहां कहीं लग गए हैं, उन्हें तत्काल हटवाया जाए। किसी भी जिले में अवैध टैक्सी, बस व साइकिल स्टैंड संचालित न हों। अवैध शराब के कारोबार पर भी पूरी तरह से शिकंजा कसा जाए। नशे के लती पुलिसकर्मियों को फील्ड की जिम्मेदारी कतई न दी जाए। ऐसे कर्मियों को चिह्नित कर उनकी सेवाएं समाप्त की जानी चाहिए।