लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके गुरु पर अभद्र टिप्पणी करने के बाद से सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया फरार हैं। लखनऊ में हजरतगंज पुलिस ने बीते शुक्रवार देर शाम उनके घर पर नोटिस चस्पा कर दिया। इसमें कहा गया है कि अगर वह हाजिर नहीं हुए तो उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी। मामले में पूर्व सांसद व अनुराग की सास सुशीला सरोज ने सीएम से गुहार लगाते हुए कहा है कि उनके दामाद को माफ कर दिया जाए।
अनुराग की सास सुशीला सरोज का कहना है कि, हमें परेशान किया जा रहा है। ये घर अनुराग का नहीं है, मेरा है। अनुराग को न्याय मिलेगा। उन्होने सीएम योगी से गुहार लगाते हुए कहा है कि, उनके दामाद को माफ कर दिया जाए। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि मैं भी गोरखपुर की बेटी हूं। आपके मठ से 14 किलोमीटर दूरी पर रहती हूं। पूर्वांचल में लोगों की जुबान ऐसे ही फिसलती रहती है। आप जानते हैं कि गोरखपुर के लोग भी किस तरह से नाम लेते हैं, तो इस तरह एक बहन के नाते वो हमारा दामाद है, उसे क्षमा कर दीजिए।
उन्होंने कहा कि मैं आपके साथ दो बार लोकसभा में मेंबर भी रही हूं, तो अगर आप क्षमा कर सकते हैं तो कर दें। अगर समाजवादी पार्टी से होने के कारण क्षमा नहीं करेंगे तो कोर्ट हमारा पक्ष रखेगा। हमें उम्मीद है कि कोर्ट हमारी बात सुनेगा।
पूर्व सांसद ने आगे कहा कि एफआईआर लिखे जाने के अगले दिन पुलिस हमारे घर आ गई। हमें मौका ही नहीं दिया गया। आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह तो लगता है कि नागरिकता से वंचित कर देंगे। उन्होंने आजम खान का जिक्र करते हुए कहा कि उन पर जो मुकदमा चल रहा है वो तो चल ही रहा है लेकिन आपने उनका वोट डालने का अधिकार भी छीन लिया, इस तरह क्या नागरिकता का अधिकार भी छीन लेंगे।
बता दें लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने सपा प्रवक्ता के घर पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया था। जिसमें कहा गया है कि अगर वह हाजिर नही होंगे तो कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। सपा प्रवक्ता पर टीवी डिबेट के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके गुरु ब्रम्हलीन महंत अवेद्यनाथ के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप है।
इससे पहले अनुराग भदौरिया ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की याचिका दाखिल की थी। उनके वकील का कहना है कि यूपी पुलिस पीछे पड़ गई है, फौरन सुनवाई जरूरी है। ऐसे में कोर्ट ने फौरन सुनवाई से इनकार करते हुए, सर्दी की छुट्टियों के बाद जनवरी में सुनवाई की बात कही।
गिरफ्तारी से बचने के लिये सपा प्रवक्ता सारे प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अनुराग की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सरकारी वकील की ओर से बताया गया था कि आरोपी विवेचना में सहयोग नहीं कर रहा है और लगातार फरार चल रहा है। इससे पहले सपा प्रवक्ता ने गिरफ्तारी पर रोक के लिये हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन अनुराग भदौरिया को उसमें भी कोर्ट से झटका ही लगा था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां से उन्हें एक बार फिर निराशा ही हाथ लगी है।