नई दिल्ली। गुजरात में भाजपा की रिकॉर्ड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाया। पीएम मोदी ने कहा कि अब मुझ और आप पर जुल्म बढ़ने वाला है क्योंकि ये सहन नहीं कर पाएंगे…हार को पचा नहीं पाएंगे।
पीएम ने अपने भाषण की शुरुआत में भारत माता की जय के नारे लगाए। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मैं सबसे पहले जनता के सामने नतमष्तक हूं। जनता का आशीर्वाद अभिभूत करने वाला है। पीएम ने कहा कि जहां भारतीय जनता पार्टी नहीं जीती वहां, भाजपा का वोट शेयर पार्टी के प्रति जनता का स्नेह दिखाता है। भाजपा के प्रति यह स्नेह अलग-अलग राज्यों के चुनाव में भी दिख रहा है। पीएम मोदी ने चुनाव आयोग का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है एक भी पोलिंग बूथ में दोबारा मतदान करवाने की नौबत नहीं आई।
उन्होंने कहा कि जहां भारतीय जनता पार्टी प्रत्यक्ष नहीं जीती, वहां भाजपा का वोट शेयर भाजपा के प्रति स्नेह का साक्षी है। मैं गुजरात, हिमाचल और दिल्ली की जनता का विनम्र भाव से आभार व्यक्त करता हूं। हिमाचल प्रदेश के चुनाव में एक प्रतिशत से भी कम अंतर से हार-जीत का फैसला हुआ है। इतने कम अंतर से हिमाचल प्रदेश में कभी नतीजे नहीं आए हैं। हिमाचल में हर 5 साल में सरकार बदली है लेकिन हर बार 5-7% के अंतर से सरकार बदली है। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल विकास की राजनीति के लिए हैं। भले ही हम हिमाचल में अपनी सरकार नहीं बना पाएं हैं। इसके बावजूद वहां के लिए भी हमारी जिम्मेदारी पहले जैसी ही रहेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि हम विचार पर भी बल देते हैं और व्यवस्था को भी सबल बनाते रहते हैं। भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की अथाह संगठन शक्ति पर भरोसा करके ही अपनी रणनीति बनाती है और सफल भी होती है। भाजपा आज जहां भी पहुंची है ऐसे ही नहीं पहुंची है। जनसंघ के जमाने से तपस्या करते हुए परिवार के परिवार खपते रहे, तब जाकर ये दल बना है, तब जाकर हम यहां पहुंचे हैं। भाजपा के लिए लाखों समर्पित कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन खपा दिया।
मोदी ने कहा कि मैं मानता हूं कि 2002 के बाद जीवन का कोई कदम ऐसा नहीं गया, कोई कदम ऐसा नहीं रहा। जिसकी धज्जियां नहीं उड़ाई गईं हों। बाल न नोचें गए हों। लेकिन मुझे इसका फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि आलोचनाओं ने हमें बहुत सिखाया है। आलोचनाओं में से हमारे काम की चीज खोजते रहना है। हमें अपनी शक्ति को बढ़ाते रहना है। कठोर से कठोर से झूठे आरोपों को सहने की क्षमता बढ़ानी होगी। क्योंकि अब जुल्म बढ़ने वाला है। आप मान के चलिए, मुझ पर भी बढ़ने वाला है। आप पर भी बढ़ने वाला है। ये पचा नहीं पाएंगे। ये सहन नहीं कर पाएंगे। उसका जवाब यही है कि हमें अपनी सहनशक्ति बढ़ाना है। हमें समझदारी का विस्तार करना है। अधिक से अधिक लोगों से जुड़ना है।
पीएम ने कहा कि देश के हर राजनीतिक दल को यह याद रखना होगा कि चुनावी हथकंडों से किसी का भला नहीं हो सकता। आज के जनादेश में एक और संदेश यह है कि समाज के बीच दूरियां बढ़ाकर, राष्ट्र के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर जो राजनीतिक दल तात्कालिक लाभ लेने के चक्कर में रहते हैं उन्हें देश की जनता देख भी रही है और समझ भी रही है। भारत का भविष्य फॉल्ट लाइन को गिरा कर ही उज्ज्वल बनेगा।