मिहींपुरवा। शासन ने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए व्यवस्थाएं भले ही हाईटेक कर ली हैं पर कोटेदार भी पीछे नहीं हैं। कार्डधारकों को अंगूठा लगवाकर भी राशन नहीं दिया जा रहा है।
शासन-प्रशासन ने ग्रामीणों को सस्ता राशन उपलब्ध कराने के लिए उचित दर के गल्ले की दुकानें तो खोल दी हैं लेकिन कोटेदार इतनी मनमानी कर रहे हैं कि निर्धारित सरकारी मूल्य की जगह मानी दामों गल्ला देते हैं, राशन कम देते या अशिक्षित ग्रामीणों से पॉस मशीन में अंगूठा लगवा लेते हैं। उन्हें सर्वर न होने की बात कहकर वापस लौटा देते हैं। उनके हिस्से का गल्ला हड़प जाते हैं। आरोप है कि कस्बे में कोटेदार कलावती के यहाँ इसी तरह की धांधली चल रही है। लोगों का कहना है कि कलावती के वृद्ध होने की वजह से उनका कोटा विजय कुमार राठौर चलाते हैं, नवंबर माह खत्म होने वाला है किंतु अभी तक राशन का वितरण नहीं किया गया है जबकि अधिकांश उपभोक्ताओं से अंगूठा लगवा लिया गया है।
कोटेदार द्वारा गला वितरण करने के दौरान प्रति यूनिट 1 किलो या 2 किलो गल्ला कम दिया जा रहा है। लोगो का कहना है कि 5 महीने से गेहूं का वितरण किया ही नहीं गया है। पूछने पर कोटेदार प्रतिनिधि विजय कुमार राठौर ने बताया कि इस समय गेहूं की सप्लाई सरकार नहीं कर रही है। जबकि कार्डधारकों का कहना है कि मिहींपुरवा में अन्य कोटेदार नियमित रूप से गल्ला का वितरण कर रहे हैं ।
कोटेदार द्वारा राशन वितरण में अनियमितता किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर मिहींपुरवा पुर्तिनिरीक्षक रंजीत कुमार ने बताया कि शिकायत मिली है जांच कर विधिक कार्यवाही की जाएगी।