मिहींपुरवा। तहसील क्षेत्र अंतर्गत स्थित वनटांगिया ग्राम महबूब नगर में वन अधिकार समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए टांगिया श्रमिक क्षतरपाल गिरि ने कहा कि अरबों रुपए मूल्य के जंगल को अपने खून-पसीने से सींचकर खड़ा करने वाले आज अपनी पहचान के मोहताज हैं। पूरा गांव एक अदद परिवार रजिस्टर की प्रतिलिपि के लिए तरस रहा है।
सदस्य रामनिवास ने कहा कि वर्ष 2019 में 144 दावेदारों के अधिकार पत्र स्वीकृत हुए थे किंतु उन्हें अभी तक अधिकार पत्र वितरित नहीं किया गया है । इसके अलावा जिन 103 लोगों के दावे को खारिज किया गया था, उन्हें अभी तक लिखित सूचना नहीं दी गई है। यह एक साजिश है जिसके तहत लोगों को अपील करने अवसर नहीं दिया जा रहा है। श्रीराम चंद्र ने कहा कि वन विभाग ने बिना ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति को सूचित किए खेतों की जीपीएस से पैमाइश की है जो कि उचित नहीं है।
वन अधिकार कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2019 में तत्कालीन जिलाधिकारी श्रीशंभू नाथ की अध्यक्षता में जिला स्तरीय वन अधिकार समिति ने महबूबनगर को राजस्व ग्राम घोषित करने का प्रस्ताव शासन में प्रेषित किया गया था जो अभिमत के लिए वन विभाग के पास अभी तक लंबित है। उस पर वन विभाग द्वारा अभिमत व्यक्त नहीं किया गया है। कितने लंबे समय तक पत्रावली को रोके रखना किसी साजिश का हिस्सा प्रतीत हो रहा है। इस बारे में शीघ्र ही मुख्यमंत्री जी से मिलकर उन्हें अवगत कराया जाएगा । बैठक में रामसमुझ मौर्य, लवकुश, राम नारायण आदि लोग भी मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता देवनारायण वर्मा ने किया।