रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को बड़ा झटका लगा है। भड़काऊ भाषण मामले में 3 साल की सजा होने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शुक्रवार को आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द की है। रामपुर की विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है।
गुरुवार को आजम खान के खिलाफ दर्ज भड़काऊ भाषण के मामले में गुरुवार को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई। अदालत ने सजा देने के साथ ही आजम को जमानत भी दे दी। सजा के नाते आजम सदस्यता से अयोग्य हो गए हैं इसलिए, शुक्रवार को उनकी सीट रिक्त घोषित हो गई है। क्योंकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई है तो ऐसे में उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी।
हाई कोर्ट पर टिकी निगाहें
सजा के साथ ही कोर्ट ने एक सप्ताह का समय ऊपरी अदालत में अपील के लिए दिया है। आजम खां हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। अगर कोर्ट उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाता है तो आजम की सदस्यता बच जाएगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो आजम की सदस्यता के साथ ही उनके राजनीतिक करियर पर भी विराम लग जाएगा क्योंकि, सजा के बाद अगले छह साल तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग जाएगी। इसलिए, वह छह साल तक किसी सदन के सदस्य नहीं हो पाएंगे। राजनेता की सियासी भविष्य के लिए इतना लंबा ‘निर्वासन’ बहुत भारी होता है, खासकर जब आजम की उम्र 74 साल हो चुकी है।
बता दें भड़काऊ भाषण का यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का है। आजम खां लोकसभा का चुनाव लड़़ रहे थे। तब सपा और बसपा का गठबंधन था। वह चुनाव जीत गए थे। चुनाव प्रचार के दौरान उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए थे। इसमें एक मामला मिलक कोतवाली में हुआ था। आजम खान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रामपुर के तत्कालीन डीएम के खिलाफ भड़काऊ बातें कहने का आरोप था।