झाँसी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस 2021 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। पीसीएस (PCS) का रिजल्ट आते ही झांसी में तैनात कांस्टेबल अनिल चौधरी का अधिकारी बनने का सपना भी पूरा हो गया। इससे सिर्फ अनिल ही नहीं उनका परिवार काफी खुश है। कांस्टेबल अनिल चौधरी ने पीसीएस परीक्षा में 21वीं रैंक हासिल की है और उनका चयन नायब तहसीलदार के पद पर हुआ है।
अनिल चौधरी मूलत: फिरोजाबाद जिले के रहने वाले है और 2016 में यूपी पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे। अधिकतर उनकी ड्यूटी बड़े अधिकारियों के साथ ही लगती थी। यहां से उन्हें अधिकारी बनने की प्रेरणा भी मिली। बस फिर क्या था, कांस्टेबल अनिल चौधरी ने साल 2018 में यूपी पीसीएस (UP PCS) की तैयारी शुरू कर दी। अनिल चौधरी बताते है कि शुरूआत में उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन वह इससे निराश नहीं हुए।
अनिल जब इंटरव्यू देने गए तो उनसे सबसे पहला सवाल पूछा गया कि सिपाही जैसे पद पर 24 घंटे एक्टिव रहना पड़ता है। कभी भी बुलावा आ जाता है और पुलिसकर्मी को उतनी छुट्टी भी नहीं मिलती तो तुमने कैसे तैयारी की? अनिल ने जबाव दिया कि “एक साल की विदआउट-पे लीव लेकर दिल्ली में कोचिंग की। कोचिंग में ये पता चल गया कि क्या पढ़ना है। हमने नोट्स बना लिए थे और अब सिर्फ उनका रिवीजन करना था। वापस ज्वाइनिंग कर अफसरों से आग्रह कर पुलिस लाइन में ट्रांसफर कराया।
वहां टेलीफोन एक्सचेंज में नाइट ड्यूटी लगवाई। रात में ड्यूटी के साथ पढ़ने को मिल जाता था। दिन में 3-4 घंटे सोने के बाद लाइब्रेरी पढ़ने जाता था। सिर्फ 4 से 5 घंटे सोता था। इसलिए आज इस मुकाम पर पहुंच पाया हूं। कांस्टेबल अनिल ने बताया कि वह लगातार प्रयास करते रहे। पूरी रात ड्यूटी करने के बाद वह सुबह घर लौटकर पढ़ाई करते थे। उन्होंने तैयारी करने के लिए एक साल का अवैतनिक अवकाश भी लिया था। अनिल चौधरी के मुताबिक उन्होंने यह सफलता चौथे प्रयास में हासिल की है।
IAS बनने का सपना अभी बरकरार
अनिल चौधरी ने बताया, जिस समय रिजल्ट आया वह अपनी नाइट ड्यूटी कर रहे थे। जैसे ही रिजल्ट आया तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। रिजल्ट आने के बाद वह सो नहीं पाए हैं और उन्हें लगातार बधाई देने वालों के फोन आते रहें। अनिल चौधरी ने भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए कहा कि वह आईएएस परीक्षा की तैयारी भी जारी रखेंगे। उनका आईएएस अधिकारी बनने का सपना अभी बरकरार है। बता दें कि कांस्टेबल अनिल चौधरी ग्रामीण परिवेश से आते हैं और उनके पिता किसान हैं।