अंबेडकरनगर। यूपी में इस बार अक्टूबर के महीने में रिकॉर्ड बारिश हुई है। अंबेडकरनगर में घाघरा उफान पर है। कई गांवों में 3 से 4 फीट तक पानी भरा हुआ है। वहीं प्रशासन भी बाढ़ प्रभाविताें की पीड़ा को लेकर संवेदनहीन हो गया है। बाढ़ ग्रस्त इलाके का दौरा करने पहुंचे डीएम सैमुअल पॉल ने बाढ़ पीड़ितों से कहा कि हम कोई जोमैटो सर्विस नहीं चला रहे है, जो घर-घर खाना पहुंचाएंगे। हालाँकि डीएम ने कहा कि मेरी बात को गलत ढंग से प्रचारित किया गया है।
गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने टांडा पहुंचे जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन ने अवसानपुर बाढ़ चौकी के पास ग्रामीणों से बात की कुछ ग्रामीणों ने कहा कि पका हुआ भोजन गांव के अंदर नहीं पहुंचाया जा रहा है। डीएम ने इस पर उनसे कहा कि बाढ़ चौकी की स्थापना समय रहते कर दी गई है। गांव में राशन देने के साथ ही चौकी पर पका भोजन व अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। डीएम ने कहा कि हम लोग कोई जोमैटो सर्विस नहीं चला रहे हैं कि गांव के अंदर तक पका भोजन उपलब्ध हो सके। जो भी ग्रामीण बाढ़ चौकी तक लाया जा रहा या स्वयं आ रहा है, उसे भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
इस संबंध में जिलाधिकारी का कहना है कि एक पत्रकार वहां तर्क कर रहा था कि इनको खाना नहीं पहुंचा। इसके बाद बाढ़ चौकी के रजिस्टर को चेक किया गया तो पता चला कि 70 लोगों को खाना मिल रहा है। बाढ़ चौकी में सभी व्यवस्था की गई है, यहां शौचालय, गर्म पानी, खाने-दवा आदि की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि घर-घर यह सारी व्यवस्था नहीं हो सकती है। इस मामले का 18 सेकेंड का वीडियो गलत तरीके से प्रसारित किया गया है।
2 तहसील अधिक प्रभावित
जिले की दो तहसील टांडा और आलापुर के गांव बाढ़ की चपेट में आ गए है। बाढ़ से पहले फसलें प्रभावित हुई, उसके बाद पानी गांवों में पहुंच गया और अब लोगो के घरों भी बाढ़ का पानी घुस रहा है, जिसके चलते ग्रामीणों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगो को अपने और परिवार के साथ पशुओं की चिंता भी सता रही है कि अपने खाने की व्यवस्था करे या फिर जानवरों के चारे की। बाढ़ का विकराल रूप लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोग भयभीत है।