लखनऊ। यूपी के लखनऊ में पीजीआइ के पास स्थित सरस्वतीपुरम कालोनी निवासी छह वर्षीय मासूम बच्चे की 29 अगस्त को बुखार आने के बाद तबीयत बिगड़ गई। आरोप है कि डाक्टर और मेडिकल स्टोर संचालक की लापरवाही ने छह साल के मासूम की जान ले ली। मेडिकल स्टोर संचालक ने सिरप के बजाय उसी नाम का इंजेक्शन थमा दिया। इंजेक्शन लगाने वाले व्यक्ति ने भी डोज का अंदाजा लगाए बगैर ही बच्चे को इंजेक्शन लगा दिया, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। पांच दिन के संघर्ष के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
पीजीआई क्षेत्र के सरस्वतीपुरम कॉलोनी निवासी गौरव जायसवाल ने बताया कि उन्होंने अपने भतीजे रेयांश (6) को हुसैनगंज स्थित नवजीवन चाइल्ड केयर क्लीनिक में डॉ. मुकेश केसरवानी को दिखाया तो रेयांश को मलेरिया था। उन्होंने अन्य दवाओं के साथ ही लैरगो सिरप लिखा था। यह सिरप दिन में 20 मिलीलीटर दिया जाना था, उन्होंने पास के ही मेडिकल स्टोर से सभी दवाएं खरीदीं।
मेडिकल स्टोर संचालक ने उनको लैरगो सिरप के बजाय इंजेक्शन थमा दिया। घर जाकर उन्होंने यह इंजेक्शन लगवाया। इंजेक्शन की 20 मिलीलीटर की डोज कमर में देने के बाद ही बच्चे की हालत खराब हो गई है और उसकी सांस रुकने लगी। आनन-फानन वे उसे पास के नर्सिंग होम ले गए। सीपीआर देने के बाद बच्चे की सांस तो वापस आ गई लेकिन हालत नहीं सुधरी। इसके बाद बच्चे को लेकर वे मेदांता अस्पताल गए। वहां करीब पांच दिन उपचार के बाद पांच सितंबर को उसकी मौत हो गई। घरवालों ने मेडिकल स्टोर के खिलाफ तहरीर दी है।
रेयांश के चाचा अनुज जायसवाल ने मामले की शिकायत जब पुलिस अधिकारियों से की गई तो वहां भी सुनवाई नहीं हुई। हुसैनगंज पुलिस ने एफआइआर न करते हुए टरका दिया। अब परिजनों ने ड्रग इंस्पेक्टर के पास कार्रवाई की गुहार लगाई है।
मामले पर डाक्टर मुकेश केसरवानी का कहना है कि उन्होंने इंजेक्शन नहीं, सीरप लिखा था। मेडिकल स्टोर वाले का कहना है की सीरप नहीं इंजेक्शन लिखा हुआ है। दोनों एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं लेकिन इनकी लापरवाही से एक 6 साल के मासूम ने अपनी जान गवां दी।
वहीं इंस्पेक्टर हुसैनगंज श्याम सिंह का कहना है कि मामला डाक्टर और मेडिकल स्टोर संबंधित था, इस वजह से उच्चाधिकारियों के निर्देश पर परिवारीजनों को ड्रग विभाग को शिकायत करने को कहा गया है। वहां से रिपोर्ट आने पर एफआइआर दर्ज की जाएगी।