फिरोजाबाद। यूपी के फिरोजाबाद में 10 वर्ष पहले प्रेमी से विवाह करने पर युवती की हत्या करने वाले पिता-पुत्र को अपर जिला जज द्वितीय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आठ हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। यह धनराशि जमा नहीं करने पर एक वर्ष अतिरिक्त जेल काटनी होगी।
आगरा के बटेश्वर निवासी नाथूराम ने दस जनवरी 2012 को थाना शिकोहाबाद में बेटी रीता के गायब होने की तहरीर दी थी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में रीता के प्रेम संबंध उसके जीजा के भांजे नवल किशोर के साथ होने की जानकारी हुई। इसके चलते दोनों ने पांच मई 2011 को ही विवाह कर लिया था।
प्रेम विवाह का विरोध करते हुए पिता नाथूराम और भाई ब्रजेश ने नवल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें उसे जेल जाना पड़ा। इस दौरान पिता और पुत्र ने मिलकर बेटी की हत्या कर दी।
नवल के उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने जांच करते हुए पिता और भाई के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए। अपर जिला जज द्वितीय इफराक अहमद की कोर्ट में शासन की ओर से पैरवी करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अजय यादव ने सख्त सजा की मांग की।
न्यायाधीश ने साक्ष्य के आधार पर दोषी पिता नाथूराम और उसके पुत्र ब्रजेश को उम्रकैद की सजा के साथ ही दोनों पर 50-50 हजार का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास होगा। इसके अतिरिक्त हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने में दोनों को 7-7 वर्ष कारावास व दस-दस हजार का अर्थदंड और अपहरण में पिता पर दस वर्ष कारावास व 25 हजार का जुर्माना लगाया है।