लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों को कम करने को लेकर योगी सरकार ने नया ऐलान किया है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की अहम बैठक में 16 प्रस्तावों को पास किया गया, जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा नया नियम भी शामिल है।
सिमुलेटर ड्राइविंग टेस्ट एक मशीन से जुड़ा सॉफ्टवेयर है। इस टेस्ट के दौरान आपको ये अहसास होगा कि आप कोई चौपहिया वाहन चला रहे हैं। इसमें आपको स्टेयरिंग, सेफ्टी बेल्ट, वाइपर, डिपर, क्लच, एक्सिलेटर, ब्रेक सहित गाड़ी में मौजूद सारे फीचर्स मिलेंगे। इस मशीन पर बैठकर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप सच में गाड़ी चला रहे हैं। ये मशीन एक छोटे से कमरे में लगाया जा सकता है। प्रदेश के हर जिले में ऑटोमैटिक टेस्टिंग मशीन लगाई जाएगी।
इसके जरिए प्रदेश में लगभग 500 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। अभी तक वाहनों की टेस्टिंग मैन्युअल होती थी। पहले चरण में हर जनपद में एक-एक एटीएस स्थापित किए जाएंगे। एटीएस पीपीपी मोड पर हर जिले में स्थापित किए जाएंगे। इससे लगभग 1500 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होंगे।
परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए सिमुलेटर ड्राइविंग टेस्ट का प्रावधान इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कई लोग बिना सड़क और यातायात नियमों का पालन कर ड्राइविंग लाइसेंस तो बनवा लेते हैं लेकिन उन्हें ठीक से गाड़ी चलानी नहीं आती। इस तरह वो अपनी तो जान खतरे में डालते ही हैं, बल्कि दूसरों की जान भी खतरे में डालते हैं।