लखनऊ। यूपी विधानसभा में मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपने बयानों से एक दूसरे पर जमकर वार किया। अखिलेश यादव ने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए तो सीएम योगी ने भी सपा अध्यक्ष को उनके पिता मुलायम सिंह यादव के पुराने बयान को बताते हुए हमला बोला।
मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए और सदन में मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जवाब मांगा। अखिलेश यादव ने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने चंदौली, प्रयागराज और ललितपुर की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी में महिलाओं के खिलाफ सर्वाधिक अपराध हो रहे हैं।
उन्होंने कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है कि जहां अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति होने की बातें की जाती हैं वहां पुलिस घटना (चंदौली की घटना) को दूसरा रूप देने के लिए लड़की के शव को फांसी से लटका देती है। अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री इसका जवाब दें कि अपराध हो जाने के बाद जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाती है तो महिलाओं के खिलाफ अपराध न हों उसके लिए सरकार के पास क्या नीति है?
कानून-व्यवस्था पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सवालों का जवाब देते हुए सीएम ने योगी ने कहा कि अपराध किसी के भी साथ हो वो अक्षम्य है। खासकर महिला सम्बन्धी अपराधों के मामले में सरकार पूरी गंभीरता के साथ अपराधियों के खिलाफ कठोरतापूर्वक कार्रवाई कर रही है। ये भाजपा की सरकार है। यहां अपराधियों के बारे में ये नहीं कहा जाता कि लड़के हैं गलती हो जाती है। अगर अपराधी है तो जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत ही कार्रवाही की जाती है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार एक बार फिर सत्ता में पूर्ण बहुमत से वापस लौटी है ये इसका प्रमाण है कि हमारी सरकार में अपराधियों का संरक्षण नहीं किया जाता है। बहुत लोगों ने गर्मी दिखाने की कोशिश की लेकिन उनकी गर्मी शांत हो गई है।
सीएम ने कहा कि यदि आप पूरे देश के अंदर घटित होने वाले मामलों की संख्या को आप पाएंगे कि 2012 से 2017 के बीच में विभिन्न प्रकार के जो अपराध हुए थे उनमें अब भारी गिरावट आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सपा सरकार हर उस अपराधी का समर्थन करती रही जो प्रदेश में अराजकता के पर्याय था। गुंडागर्दी जिनका पेशा बन चुका था। विगत पांच वर्षों के अंदर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के बेहतर माहौल ने ही इस सरकार को फिर से व्यापक जनसमर्थन दिया है।
मुलायम सिंह यादव ने दिया था विवादित बयान
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने साल 2014 में जनसभा के दौरान यह विवादित बयान दिया था। उस समय उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। मुलायम सिंह यादव ने एक जनसभा में कहा था कि रेप की सजा फांसी नहीं होनी चाहिए। इसके पीछे तर्क देते हुए मुलायम ने कहा कि था कि ‘लड़के हैं, गलती हो जाती है।’
मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि अगर केंद्र में वह सत्ता में आए तो ऐसा कानून हटाएंगे जो रेपिस्टों को फांसी की सजा देता है। मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि रेप में फांसी सजा सही नहीं है। हम ऐसा कानून बनाएंगे जो रेपिस्टों को भी सजा दे और इस नाम पर अगर कोई झूठी शिकायत कर रहा है तो उसे भी सजा मिले। मुलायम के इस बयान पर जब अखिलेश यादव की राय पूछी गई थी तो उन्होंने कहा था कि जमाना खराब है।