लखनऊ। उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य सरकार को राज्य में चल रहे अवैध बस, टैक्सी और ऑटो स्टैंड को बंद करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार के निर्देश के बाद गृह विभाग सक्रिय हो गया है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार शाम सड़क सुरक्षा अभियान के तहत सभी जिलों के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सड़क दुर्घटना पर अंकुश के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग की। उन्होंने गुरुवार से सड़क सुरक्षा के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि आरटीओ कार्यालय दलालों से मुक्त हो और ड्राइविंग लाइसेंस केवल योग्य व प्रशिक्षित लोगों को मिले। बिना टेस्ट पास किए किसी को ड्राइविंग लाइसेंस न दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2021 में प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 21,227 मौतें हुई हैं। ओवरस्पीड, ब्लैक स्पॉट, डग्गामार बसें, सड़क पर चल रहीं बेतरतीब टैक्सियां, बस स्टैंड व अवैध पार्किंग स्थल इसके प्रमुख कारण हैं। ऐसे में ब्लैक स्पॉट के सुधारीकरण, स्पीड मापन, त्वरित चिकित्सा सुविधा, सीसीटीवी आदि व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि राजमार्गों पर ट्रकों की कतारें न लगें। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पीड ब्रेकर टेबल टॉप हो न कि कमर तोड़ने वाला। बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं, मरीजों को इससे परेशानी न हो। खराब डिजाइन की वजह से लोग स्पीड ब्रेकर के किनारे से वाहन निकालते हैं, जिससे दुर्घटना भी होती है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों से अवैध बस और टैक्सी स्टैंड खत्म करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अनफिट व बिना परमिट वाले वाहन बंद किए जाएँ। अनेक अवैध, डग्गामार बसें प्रदेश की सीमा से होकर अन्य राज्यों की ओर जा रही हैं। ये ओवरलोड और जर्जर होती हैं। परिवहन विभाग इनके संचालन पर अंकुश लगाए।
यूपी के गृह विभाग ने सभी पुलिस कमिश्नरों, डीएम और एसपी को सख्त अल्टीमेटम देते हुए अवैध टैक्सियों के संचालन पर नकेल कसने को कहा है। अधिकारियों से कहा गया है कि सभी अवैध स्टैंड हटाकर सरकार को प्रमाण पत्र सौंपें। हालांकि इसके बावजूद भी अवैध तरीके से स्टैंड चल रहे हैं। लेकिन अब योगी ने खुद संज्ञान लेते हुए कहा है कि अवैध स्टैंड चलाने वालों के खिलाफ गैंगस्टर में कार्रवाई की जाए।