बहराइच। मवेशियों को चराने गए ग्रामीण की बाघ के हमले में मौत हो गई। बाद में मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम और पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के भेज दिया है।
थाना सुजौली क्षेत्र में कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के कतर्नियाघाट रेंज अंतर्गत नेपाल बार्डर से सटे बर्दिया गांव निवासी देशराज (53) पुत्र पाटन बुधवार सुबह मवेशियों को घास चराने जंगल के निकट गया था। सुबह 11 बजे के आसपास वह मवेशी चरा रहा था। इसी बीच झाड़ी में छुपे बाघ ने उस पर हमला कर दिया। बाघ देशराज को घसीटता हुआ जंगल की ओर चला गया। आसपास खेत में काम कर रहे लोग ग्रामीण की चीखें सुनकर हांका लगाते हुए दौड़ पड़े।
बाद में उन्हें देशराज का क्षत विक्षत शव पड़ा मिला। सूचना पर वन क्षेत्राधिकारी और सुजौली थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। घटना से पीड़ित परिवारजनों में कोहराम मच गया है।
डीएफओ आकाशदीप वधावन ने बताया कि जहां पर पदचिन्ह मिले हैं। उससे बाघ के हमले की पुष्टि हुई है। हलका लेखपाल हेमंत श्रीवास्तव बताया कि मृतक के दो पुत्र थे, जिसमें एक पुत्र की पहले आकस्मिक मौत हो चुकी थी। अब परिवार की जिम्मेदारी रमेश के कंधों पर आ चुकी है। लेखपाल ने बताया कि कागजी कार्रवाई के बाद परिवार को मुआवजा दिलाया जाएगा ।
लगातार हो रही घटनाओं के बाद भी नहीं चेता वन विभाग
जंगल से सटे गांवों में बाघ आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लगातार हो रहे हमले से लोगों की जिंदगी खतरे में है। बीते दो मह्यिने में राकेश पुत्र मुरारी और अवधराम पुत्र बदलू को बाघ ने निवाला बना लिया था। वन विभाग जब किसी ग्रामीण की मौत होती है तो खानापूरी के लिए सक्रिय होता है, उसके बाद फिर कोई ध्यान नहीं देता।