बहराइच। अक्षय तृतीया के मौके पर मिहिपुरवा कस्बे के लोगों को सौगात मिली है। कस्बे में स्थित राम जानकी मंदिर परिसर में भगवान परशुराम का मंदिर बनेगा। इसके लिए मंगलवार को भूमि पूजन किया गया।
परशुराम भगवान को विष्णु जी का अवतार माना जाता है। उनका जन्म ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के यहां हुआ था। हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलने वाली कथाओं के अनुसार, धरती पर राजाओं द्वारा किये जा रहे अन्याय, अधर्म, और पापकर्मों का विनाश करने के लिए विष्णु जी ने भगवान परशुराम अवतार लिया था। ब्राह्मणों द्वारा इनका पूजन कालांतर से किया जा रहा है, वे शस्त्रविद्या के महान गुरु थे।उन्होंने भीष्म, द्रोण व कर्ण को शस्त्रविद्या प्रदान की थी। उन्होनें कर्ण को श्राप भी दिया था। उन्होंने एकादश छन्दयुक्त “शिव पंचत्वारिंशनाम स्तोत्र” भी लिखा। इच्छित फल-प्रदाता परशुराम गायत्री है-“ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि, तन्नः परशुराम: प्रचोदयात्।” वे पुरुषों के लिये आजीवन एक पत्नीव्रत के पक्षधर थे।
उन्होंने अत्रि की पत्नी अनसूया, अगस्त्य की पत्नी लोपामुद्रा व अपने प्रिय शिष्य अकृतवण के सहयोग से विराट नारी-जागृति-अभियान का संचालन भी किया था। अवशेष कार्यों में कल्कि अवतार होने पर उनका गुरुपद ग्रहण कर उन्हें शस्त्रविद्या प्रदान करना भी बताया गया है।
मिहींपुरवा के रामजानकी मंदिर परिसर में चिन्हित भूमि के पूजन संस्कार में भगवान परशुराम सेवा संस्थान के अध्यक्ष पशुपतिनाथ दूबे व अन्य सदस्यों की उपस्थिति भी रही जिसमे डॉ. कृष्ण कुमार जोशी, डॉ कृष्ण कुमार शर्मा, आचार्य मार्कण्डेय तिवारी, दिनेश तिवारी, जनार्दन राय, नरेंद्र शुक्ल, सतीश त्रिपाठी, राजेश जोशी, आमोद राय, रमेश शुक्ला, रामसरोज पाठक इत्यादि लोगों ने भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया।